Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

शाहीन बाग में CAA-NRC धरने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली चुनाव के बाद करेगा सुनवाई

Janjwar Team
7 Feb 2020 2:03 PM IST
शाहीन बाग में CAA-NRC धरने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली चुनाव के बाद करेगा सुनवाई
x

CAA-NRC-NPR के खिलाफ दिल्ली के शाहीनबाग मे हो रहे धरने को बीत चुके हैं 55 दिन, इसके खिलाफ लगायी गयी है कोर्ट में याचिका कि सार्वजनिक सड़कों को कर दिया गया है ठप्प जिससे लोगों को जबरदस्त कठिनाइयों का करना पड़ रहा है सामना...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

जनज्वार। दिल्ली के शाहीन बाद में CAA-NRC और NPR के खिलाफ 15 दिसंबर से चल रहे धरना-प्रदर्शन के खिलाफ दाखिल याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई 10 फरवरी के लिए टाल दी है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने शुक्रवार 7 फरवरी को सुनवाई के दौरान कहा कि वो समझते हैं कि समस्या है। पीठ मामले को दिल्ली हाईकोर्ट वापस भी भेज सकती है, लेकिन देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि सोमवार को सुनवाई करेंगे।

यह भी पढ़ें : शाहीन बाग आंदोलन में सुरक्षा का सवाल इतना महत्वपूर्ण क्यों बनता जा रहा है ?

याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि धरने को 55 दिन बीत चुके हैं। सोमवार 10 फरवरी तक दिल्ली में चुनाव भी खत्म हो जाएगा। इस पर पीठ ने कहा कि इसलिए तो कह रहे हैं कि चुनाव के बाद सुनवाई करेंगे।

है कि वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने उच्चतम न्यायालय में दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को कोई दिशा-निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था। 14 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने सरकार और पुलिस को हालात को देखते हुए कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा था।

संबंधित खबर: जामिया गोलीकांड के बाद CAA के खिलाफ रणनीति में बदलाव करेंगे शाहीनबाग के आंदोलनकारी?

च्चतम न्यायालय में एक अन्य याचिका दाखिल कर इस मामले में व्यापक दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता भाजपा नेता नंदकिशोर गर्ग ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि शाहीन बाग का विरोध संविधान के पैरामीटर के भीतर है और इसे गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता, लेकिन पूरे विरोध ने उस समय अपनी वैधता को खो दिया, जब दूसरों को संविधान से मिले संरक्षण को धता बताते हुए सार्वजनिक स्थान पर उनका रास्ता रोका गया, जिससे लोगों को जबरदस्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

खबर: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बोल, शाहीन बाग वाले भेजें बातचीत का निवेदन फिर सरकार करेगी विचार

न्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए एक दिशा-निर्देश भी मांगा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य कानून प्रवर्तन मशीनरी को प्रदर्शनकारियों की सनक और जिद के लिए बंधक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अत्यंत व्यस्त सार्वजनिक स्थानों जैसे दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाले सड़क मार्ग पर इस तरह के विरोध को प्रतिबंधित करने के लिए दिशा-निर्देशों की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि इसका हजारों लोगों द्वारा अपनी आजीविका के लिए और अस्पताल और स्कूल जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

खबर: कौन है गुंजा कपूर जो शाहीनबाग में बुर्का पहन बना रही थी वीडियो, जिसे फॉलो करते हैं पीएम मोदी

गौरतलब है कि कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग, ओखला अंडरपास के साथ, 15 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA के विरोध में स्थानीय लोगों द्वारा शुरु किए गए धरने के चलते बंद कर दिया गया है। यह रास्ता नोएडा, फरीदाबाद और हरियाणा जाने वाले मार्गों को जोड़ता है।

Next Story