अंधविश्वास : UP में मंदिर गई 16 साल की युवती ने जीभ काटकर शिवलिंग पर चढ़ाई, ताकि कोरोनामुक्त हो गांव
धारदार हथियार से अपनी जीभ काटने से लहूलुहान हुई किशोरी शिव मंत्रों का जाप करते हुए मूर्ति के सामने लेट गयी। लोगों ने जब किशोरी को खून से सनी हुई हालत में बेहोश शिवलिंग के सामने देखा तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया और पुलिस को बुलाया गया....
जनज्वार। अंधविश्वास की ऐसी-ऐसी खबरें आती हैं, जिन पर सहज विश्वास करना मुश्किल होता है। कहीं डायन-बिसही के नाम पर महिलाओं की लिंचिंग होती है, उन्हें मल—मूत्र तक खिला दिया जाता है, तो कहीं रिश्ते तार—तार हो जाते हैं। अपने बच्चे तक की बलि देने के कई मामले सामने आते रहते हैं।
अंधविश्वास की हद पार करता नया मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के बांदा से, जहां एक 16 साल की किशोरी गायत्री ने अपनी जीभ काटकर शिवलिंग पर चढ़ा दी। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने किशोरी को बदौसा पीएचसी मे भर्ती कराया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
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नवभारत टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक बांदा के बदौसा इलाके के भदालव गांव की 16 साल की गायत्री ने बुधवार 20 मई की शाम को अपनी जीभ काटकर शिवलिंग पर चढ़ा दी। धारदार हथियार से अपनी जीभ काटने से लहूलुहान हुई किशोरी शिव मंत्रों का जाप करते हुए मूर्ति के सामने लेट गयी।
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शुरुआती जानकारी के बाद पुलिस ने बताया कि भदावल गांव की 16 वर्षीय गायत्री रोज गांव के शिवमंदिर में पूजा करने जाती थी। बुधवार 20 मई की शाम को भी वह पूजा करने मंदिर गई थी। शिवलिंग पर जल चढ़ाने और अगरबत्ती दिखाने के बाद उसने अपने पास से धारदार चाकू निकाला और देखते ही देखते अपनी जीभ काटकर शिव प्रतिमा पर चढ़ा दी।
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मौकास्थल पर मौजूद पुजारी ने जब यह दृश्य देखा तो ग्रामीणों को बुलाया। सभी लोग गायत्री की इस हरकत को देख सन्न रह गये। फिलहाल युवती की हालत सामान्य बतायी जा रही है।
मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक लड़की ने शिवलिंग पर जीभ चढ़ाने का फैसला कोरोना से अपनी गांव की रक्षा के लिए लिया। लड़की के मुताबिक उसने कुछ दिन पहले कोरोना से गांव की रक्षा के लिए शिव भगवान से ऐसी मन्नत मांगी थी। वह कई दिनों से कोरोना की डरावनी खबरें सुन रही थी, उसके मन में कई दिनों से यह बातें चल रही थीं। उसने गांव की कोरोना से रक्षा करने की मन्नत मांगी थी।
आज तक में प्रकाशित खबर के मुताबिक जीभ चढ़ाने वाली लड़की की एक सहेली के मुताबिक गांव के ही स्कूल में लड़की के साथ पढ़ने वाली उसकी सहेली ने बताया कि वह कई दिनों से कह रही थी कि कोरोना से गांव को बचाने के लिए कुछ करना पड़ेगा, लेकिन मैंने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया था।
वहीं इस मामले में लड़की के माता पिता का कहना है कि गायत्री कोरोना महामारी को लेकर चिंतित रहती थी, लेकिन उसकी बातों या हरकतों से ऐसा नहीं लगा कि इतना बड़ा कदम उठा लेगी।
इस मामले में बांदा के जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल का भी बयान सामने आ गया है। उनका कहना है कि लड़की ने अपनी आस्था की वजह से ऐसा किया है, उसे किसी ने इसके लिए मजबूर नहीं किया है। इस संबंध में उसे चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई गई है और अगर जरूरत पड़ी तो उसकी काउंसिलिंग भी की जाएगी।