लखनऊ CAA प्रदर्शन में 2 महिलाओं की मौत, योगी सरकार ने नहीं लगाने दिया था बारिश के दौरान टैंट
सामाजिक संगठन उठा रहे मांग कि लखनऊ घंटाघर की महिला प्रदर्शकारियों की मौत को संज्ञान में ले न्यायालय कि किस कानून के तहत धरनास्थल पर टैंट नहीं लगाने दे रही पुलिस...
लखनऊ, जनज्वार। देशभर में CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में भारी जान-माल का नुकसान हो चुका है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली तो इसमें अव्वल हैं। शाहीनबाग में महीनों तक चले CAA प्रदर्शन के बाद ही दिल्ली में दंगों की पटकथा लिखी गयी थी और उससे पहले प्रदर्शन के दौरान ही उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों पर पुलिसिया कहर बरपा था।
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अब हाल में CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में 2 महिलाओं की मौत का मामला सामने आया है। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली फरीदा और शमसुन्निसा की बारिश में भीग जाने के कारण मौत का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक बारिश में यूपी पुलिस द्वारा धरनास्थल टैंट नहीं लगाने दिया गया, जिस कारण इन महिलाओं की मौत हुयी।
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रिहाई मंच ने लखनऊ घंटाघर पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली फरीदा और शमसुन्निसा की बारिश में भीग जाने के कारण हुई मौत के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है। रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, इलाहाबाद हाइकोर्ट के अधिवक्ता संतोष सिंह ने फरीदा और शमसुन्निसा के परिजनों से मुलाकात की।
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रिहाई मंच नेता शाहरुख अहमद ने कहा कि लखनऊ घंटाघर पर महिला प्रदर्शनकारियों को अगर उत्तर प्रदेश पुलिस ने टेंट लगाने दिया होता तो शायद बारिश में भीग जाने से ये मौतें न होतीं। इससे पहले एक बच्ची की भी लखनऊ घंटाघर पर बारिश में भीग जाने से मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पुलिस घंटाघर की प्रदर्शनकारी महिलाओं को लगातार मानसिक रूप से टार्चर कर रही है। कभी उनके कंबल छीन लेती है तो कभी खाना और पानी।
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इतना ही नहीं पुलिस हर दिन वहां मौजूद पुरुषों की गिरफ्तारी कर महिलाओं को असुरक्षित होने का आभास कराती रहती है। यह गिरफ्तारियां आमतौर पर पुलिस आधी रात के बाद करती है जब पूरे शहर में सन्नाटा होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब प्रदेश सरकार के इशारे पर किया जा रहा है।