जेल से छूटने के बाद मोहम्मद शुऐब ने किया खुलासा, योगी की पुलिस ने धमकाया कि तुम्हारी जिंदगी बना देंगे दोजख
महीनेभर की कैद के बाद रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब जेल से रिहा, बोले जनता देगी सरकार को राजनीतिक जवाब, रिहाई के बाद मुहम्मद शुऐब सीधे घंटाघर लखनऊ पर चल रहे महिलाओं के अनिश्चित कालीन धरने के लिए हुए रवाना
जनज्वार, लखनऊ। गैर संवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून CAA-NRC के विरोध के चलते 18 दिसंबर 2019 से कैद किये गए रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने लखनऊ जेल से बाहर निकलते ही मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह हमारा नहीं, बल्कि संविधान का दमन है। देश की मां-बहनें संविधान को बचाने के लिए शाहीन बाग़ से लेकर मंसूर पार्क इलाहाबाद, लखनऊ घंटाघर, कानपुर तक डटी हैं। यह इस बात का संकेत है कि जनता दमन की राजनीति का जवाब देने के लिए बाबा साहब और महात्मा गांधी के रास्ते पर निकल चुकी है।
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जेल से छूटने के बाद रिहाई मंच अध्यक्ष और वकील मोहम्मद शुऐब बोले पुलिस ने मुझे धमकाया और कहा कि तुम्हारी जिंदगी दोजख बना देंगे। CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में हिंसा फैलाने के आरोप में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मोहम्मद शुऐब बोले कि राजीव यादव के बारे में पुलिस उनसे लगातार पूछताछ करती रही और धमकी दी कि नहीं बताया तो तुम्हारे बीवी—बच्चों को भी जेल में सड़ा देंगे।
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मोहम्मद शुऐब बोले कि योगी सरकार रिहाई मंच के तमाम कार्यकर्ताओं का दमन करना चाहती है, मगर सरकार की दबंगई और आवाम के खिलाफ नीतियों के खिलाफ हम हमेशा बोलेंगे। फिलहाल इमरजेंसी से भी बुरे हालात हैं इस समय, मगर सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ हम बोलना नहीं छोड़ेंगे। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष की खामोशी मुल्क को कहां ले जायेगी बताना मुश्किल, यह देश पूरी तरह तबाह हो जायेगा।
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रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने सरकार द्वारा रिहाई मंच की छवि खराब करने की कोशिश को साजिश करार दिया। उनसे रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव और मंच के बारे में जिस तरह पूछताछ हुई, उसको लेकर उन्होंने उनकी सुरक्षा की गम्भीर चिंता जताई। जेल में बन्द अन्य लोगों ने भी कहा कि राजीव यादव के बारे में उनसे भी पुलिस ने पूछताछ हुई।
जेल के विषय पर पूछने पर उन्होंने कहा कि जिसका कोई नहीं, उसके लिए रिहाई मंच मजबूती से लड़ेगा। उत्तर प्रदेश में 23 से अधिक बेगुनाहों ने अपनी जान गंवाई और लगभग 1200 लोग जेल गए। इतना ही नहीं लगभग 5000 से अधिक लोगों को इस गैर संवैधानिक नागरिकता कानून के विरोध में कैद किया गया। जेल में बंद लोगों के ज़ख्म बता रहे थे कि लोकतंत्र और संविधान बचाने की इस कोशिश में उनको किस तरह से प्रताड़ित किया गया है। इन ज़ख्मों को देखना मेरे लिए बहुत पीड़ादायक अनुभव रहा।
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रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब के स्वागत के लिए आज 19 जनवरी को लखनऊ जेल के बाहर लखनऊ सहित अन्य जिलों से उनके समर्थकों, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकताओं की भीड़ जुटी। रिहाई के बाद मुहम्मद शुऐब सीधे घंटाघर लखनऊ पर चल रहे महिलाओं के अनिश्चित कालीन धरने के लिए रवाना हो गए।
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