डॉक्टरों ने कहा- हमारे ऊपर फूल बरसाना तो ठीक लेकिन PPE किट की व्यवस्था कौन करेगा?

Update: 2020-05-04 16:22 GMT
कोरोना महामारी में बिना क​ठिन हालातों में मरीजों की जान बचाने को तत्पर दिखे डॉक्टर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ऑल इंडिया नर्सेज फेडरेशन की अध्यक्ष अनिता पवार ने कहा कि अनेक स्वास्थ्यकर्मियों को आने-जाने की सुविधा नहीं मिल पा रही है। अनेक अस्पतालों में पीपीई किट्स और रहने की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं...

जनज्वार ब्यूरो। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयास में रविवार 3 मई को जब दूसरे लॉकडाउन की अवधि समाप्त हुई तो भारतीय सेना के तीनों अंगों ने देश के विभिन्न कोविड अस्पतालों पर फूल बरसाकर डॉक्टरों का सम्मान किया। इसके अलावा कई जगहों पर सेना के बैंड की धुनों के साथ डॉक्टरों और नर्सों का सम्मान किया गया। इस सम्मान से स्वास्थ्यकर्मियों खुश तो हैं लेकिन उनकी कुछ चिंताएं अब भी बरकरार हैं।

लॉकडाउन के चालीस दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई किट और जरुरी सामान नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्यकर्मियों का पूरा समुदाय सेना का धन्यवाद तो दे रहा है लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल उठा रहा है।

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मर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक ऑल इंडिया नर्सेज फेडरेशन की अध्यक्ष अनिता पवार ने कहा कि उनकी सेवाओं का सम्मान किया जाना उन्हें और अधिक सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन इसी बीच अनेक स्वास्थ्यकर्मियों को आने-जाने की सुविधा नहीं मिल पा रही है। अनेक अस्पतालों में पीपीई किट्स और रहने की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। इन मामलों को अनेक बार उठाने के बाद भी आज तक उनका समाधान नहीं किया जा रहा है।

Full View बॉर्डर को दिल्ली से आने-जाने पर बंद किये जाने के बाद अनेक स्वास्थ्यकर्मियों को दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद से आने वाले डॉक्टरों को भी बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है।

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स तरह की भी शिकायतें हैं कि अनेक जगहों पर अस्पताल के कार्ड दिखाने के बाद भी उन्हें आने की अनुमति नहीं मिल रही है। पुलिस केवल केंद्र की तरफ से जारी विशेष पास को ही मान्यता दे रही है। ऐसे में सैकड़ों स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। एम्स अस्पताल के एक शीर्ष डॉक्टर ने कहा कि दिल्ली के अनेक अस्पतालों में कई जगहों पर डॉक्टरों को पीपीई किट्स न मिल पाने का मुद्दा लगातार उठाया जा रहा है।

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