गरीबों को रोज 20 रुपए का खाना देने में अक्षम है सरकार, लेकिन 20,000 करोड़ की संसद बनाने पर हो गयी राजी
शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए केन्द्र की तरफ से 20 हजार करोड़ रुपये की योजना रखी गयी है...
जनज्वार ब्यूरो। केंद्र शहरी विकास मंत्रालय ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाये जाने वाले संसद भवन की नई ईमारत के ऩक्शे को अपनी मंजूरी दे दी है। 23 अप्रैल को शहरी विकास मंत्रालय की संसद भवन सबंधी कमिटि की 5वीं बैठक में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गयी।
इस बैठक में 7 स्थायी सदस्य के अलावा 5 आमंत्रित सदस्य भी मौजूद थे। बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की गईं। बैठक में नये संसद भवन के लिये बिल्डिंग आर्किटेक्ट विमल पटेल ने अपना प्रोजेक्ट कमिटि के सामने रखा था, जिसको हरी झंडी दे दी गई।
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शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए केन्द्र की तरफ से 20 हजार करोड़ रुपये की योजना रखी गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि पुनर्निर्माण योजना की घोषणा एक साल पहले की गई थी और 2020-21 के बजट से इसके लिए फंड जारी नहीं किया गया है।
ध्यान रहे कि 20 मार्च, 2020 को केंद्र सरकार ने संसद, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक जैसी संरचनाओं को बनाने के लिये ल्युटिन्स दिल्ली में लगभग 86 एकड़ भूमि उपयोग को अधिसूचित किया था।
अधिकारी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पुनर्निर्माण योजना के तहत 900 से 1200 सांसदों के बैठने के लिए त्रिकोणीय संसद भवन अगस्त 2022 तक बनाने की योजना है। केंद्र सरकार चाहती है कि देश की स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ से पहले इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाय। इसके अलावा एकीकृत केंद्रीय सचिवालय का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इस योजना में प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के लिए नया आवास, और सरकारी कार्यालयों के लिए दस नई इमारत बनाये जाने की योजना है। इसमें शास्त्री भवन, निर्माण भवन, उद्योग भवन, कृषि भवन और वायु भवन शामिल हैं। मौजूदा समय में इन इमारतों में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, कृषि, वाणिज्य, वायु सेना आदि के कार्यालय हैं।