ग्राउंड रिपोर्ट : लोनी में हुई 6 लोगों की मौत के मामले पड़ोसियों ने कहा जब बिजली ही नहीं थी फिर शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ ?

Update: 2019-12-31 07:45 GMT

गाजियाबाद के लोनी में घर के अंदर आग लगने से एक ही परिवार की एक महिला और पांच बच्चों की मौत, बिजली विभाग देता है भारी भरकम बिल, बिना नोटिस दिए काट दिये बिजली के तार...

गाजियाबाद से जुनैद अंसारी की रिपोर्ट

जनज्वार। गाज़ियाबाद के लोनी बॉर्डर के बेहटा हाजीपुर के मौलाना आजाद कॉलोनी में आग लगने से एक ही परिवार के 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। पूरे गांव में गम का माहौल है। बताया जा रहा है कि जब आग लगी तो बच्चों के माता-पिता शादी में गए हुए थे। गांव के लोगों बिजली विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि घर में सिर्फ बच्चे थे तब भी बिजली विभाग ने घर का कनेक्शन काट दिया। चंद रुपयों के लिए बिजली विभाग ने 6 लोगों को मौत की नींद सुला दिया है।

मूल रूप से मरेठ के निवासी यूसुफ अपने चार भाईयों के साथ यहां रहते हैं। वह मोबाइल चार्जर की इलेक्ट्रॉनिक प्लेट बनाने और तार की स्क्रैप का काम करते हैं। करीब दो माह पहले प्रशासनिक कार्रवाई से कारोबार ठप्प हो गया था जिसके कारण वह बिजली का बिल नहीं भर सका। गांव के लोगों का कहना है कि हम सबका कारोबार ठप हो गया है। लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं। दो वक्त का खाने का इंतजाम बड़ी मुश्किल से कर पा रहे हैं। ऐसे में बिजली का बिल कैसे भरें। महज चंद रूपये के लिए यूसुफ ने अपना पूरा परिवार खो दिया है।

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पूरे गांव के लोग बिजली विभाग के कर्मचारियों के ऊपर गुस्सा हैं। गांव के लोगों ने कहा कि बिजली का कनेक्शन मत काटिये क्योंकि घर में बच्चों के माता-पिता नहीं लेकिन बिजली विभाग के कर्मचारियों ने एक नहीं सुनी और घर के बिजली के तार काट के ले गए।

वार्ड नंबर छह के प्रधान सुमित पति कहते हैं, 'हमारे बिजली विभाग और उनके जितने भी अधिकारी हैं, वो जनता पर सारे आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करवा देते हैं। मैं सरकार से ये पूछना चाहता हूं कि आप कहां लूट नहीं करते? छह लोगों की मौत हो गई। बीस हजार उनके बिजली का बिल था तो बिना नोटिस दिए उनके तार क्यों काट दिए गए। बच्चों ने मोमबत्ती जलाई और फ्रीज के ऊपर रखी। इसके बाद मोमबत्ती गिर गई और आग लग गई जिससे बच्चों की मौत हो गई। कई लोगों ने बिजली के बिल भरे हुए हैं बावजूद इसके उनके तार काट लिए गए हैं।

हीं पार्षद याकिन अली ने बताया कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण 6 लोगों की मौत हो गई है जिसके बाद घर में उजाले के लिए मोमबत्ती जलाकर बच्चे सो गए और घर में मोमबत्ती के कारण आग लग गई। परिवार के ज्यादातर लोग गांव में होने वाली एक शादी में शामिल होने गए थे। तब भी बिजली विभाग के कर्मचारीयों ने कनेक्शन काट दिया।

गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने इस मामले को लेकर कहा, ‘मौके को देखने के बाद लगता है कि आग फ्रिज में शार्ट सर्किट से लगी होगी। फ्रीज के ऊपर टीवी रखा था। संभव है कि फ्रीज में लगी आग ने टीवी को चपेट में लिया हो। उसके बाद कमरे में धुंआ भर गया। धुंए में दम घुटने से सोते हुए सभी पांच बच्चों और उनकी रिश्ते में ताई की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, मृतकों की पहचान परवीन (40), फातमा (12), साहिमा, रतिया (8), अब्दुल अजीम (8), अब्दुल अहमद (5) के रूप में हुई है। यह परिवार मूलत: मेरठ के जानी का रहने वाला है।

ब सवाल ये उठने शुरू हो गए हैं कि जब घर की बिजली को एक दिन पहले ही काट दिया गया था तो घर में शार्ट सर्किट कैसे हो सकता है। जब शार्ट सर्किट नहीं हुआ तो अधिकारी शार्ट सर्किट कहकर क्यों पला झाड रहें है। जहां सरकार घर-घर बिजली पहुंचाने की बात करती है। वहीं बिजली विभाग की एक लपारवाही के वजह से एक शख्स का पूरा परिवार मौत की नींद सो गया। जब घर में बच्चों के माता –पिता नहीं थे तो क्या बिजली विभाग एक दिन भी क्यों नहीं रुक सका।

प्रशासन क्यों कर रहा है झूठा दावा

हीं एडीएम प्रशासन जितेंद्र कुमार शर्मा ने जनज्वार से बातचीत में कहा कि बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगी है। इस मामले में जांच चल रही है। मामला आपदा का है, इसलिए लोनी के मौलाना आजाद कॉलोनी में मौके पर एडीएम फाइनेंस यशवर्धन श्रीवास्तव गए थे और वही इस मामले में जांच कर रहे हैं। शॉर्ट शर्किट से मरे बच्चे और बुजुर्ग गरीब परिवार से थे, ऐसे में हमारी कोशिश है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से भी उनको सहायता मिले। हमने कोष के लिए लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेज दिया है।

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गाजियाबाद के डीएम अजय ​शंकर पांडेय से जनज्वार ने बात की तो उन्होंने भी कहा कि एडीएम फाइनेंस से बात करें। लेकिन उनसे जब पूछा गया कि बिजली विभाग ने दिन में ही बिजली काट दी थी फिर शॉर्ट शर्किट कैसे हो गया, पीड़ितों के पड़ोसी कह रहे हैं कि आग ​मोमबत्ती से लगी है तो प्रशासन आग लगने की वजह शार्ट शर्किट बताने पर क्यों अड़ा है? इस सवाल पर डीएम ने फोन कॉल को ​काट दिया।

सके बाद उनके पर्सनल असिस्टेंट ने जो फोन नंबर उपलब्ध कराए उसमें किसी एक नंबर को भी एडीएम फाइनेंस यशवर्धन श्रीवास्तव ने उठाने की जहमत नहीं की।

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