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अधिकारियों की लापरवाही से गाजियाबाद की पांच मंजिला इमारत में लगी आग, पीड़ितों को नहीं मिला एक रूपये का भी मुआवजा
गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी की पांच मंजिला इमारत में लगी आग, लोगों ने कहा इमारत से सटा था बिजली का खम्भा, जलकर सब सामान हुआ खाक...
जनज्वार। दिल्ली के अनाजमंडी इलाके में हुए अग्निकांड जैसी ही घटना मंगलवार 10 दिसंबर को खोड़ा के शीतल विहार में हो गई। यहां वंदना एनक्लेव में बनी पांच मंजिला एक इमारत में दोपहर करीब 3:30 बजे आग लग गई थी। पहली मंजिल से निकलकर आग की लपटें धीरे-धीरे ऊपर की सभी मंजिलों तक पहुंच गईं। आग की लपटें देखकर मकान में रह रहे लगभग 25 लोग जान बचाने के लिए बाहर भागे। दिन का वक्त होने और खुद को बचाने का पर्याप्त समय होने की वजह से सभी सुरक्षित हैं।
कॉलोनी के लोगों ने दमकल विभाग के साथ-साथ पुलिस को भी आग लगने की सूचना दी। गलियां संकरी होने से दमकल वाहनों को मौके पर पहुंचने में काफी परेशानी हुई। इस वजह से नगर निगम से पानी के छोटे-छोटे टैंकर भी बुलवाए गए। आखिरकार फायर ब्रिगेड की 3 गाड़ियों ने करीब 3 घंटे में आग बुझाई। शुरुआती जांच में घटना की वजह शॉर्ट सर्किट सामने आई है। आग लगने को दौरान मकान में रहने वाला पकंज अपने घर बिहार गया हुआ था। जिसके कारण किसी प्रकार की घटना तो नहीं हुई लेकिन पकंज के घर में रखा हुआ सारा समान जल गया।
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5 मंजिला इस मकान के हर तल पर करीब 5 कमरे हैं। इनमें किराये पर करीब 40 लोग रहते हैं। मंगलवार 10 दिसंबर की दोपहर निचले तल पर रहने वाले किरायेदार सुधीर मिश्रा के कमरे में आग लगी। सुधीर की बेटी की अगले महीने शादी है। वह अपनी पत्नी के साथ कार्ड बांटने बिहार गए हैं। बेटी सोनम मकान के ही बाहरी हिस्से में स्टेशनरी दुकान पर थी। इस वजह से आग लगने का पता नहीं चला। देखते ही देखते ऊपर की सभी मंजिलों तक आग की लपटें पहुंच गई।
मामले को लेकर सुवीर ने जनज्वार को बताया कि मैं अपनी बहन का एग्जाम दिलाने 1 बजे नोएडा सेक्टर 18 गया हुआ था। जिसके बाद एक से डेढ़ घंटे बाद मेरे दोस्तों ने मुझे फोन करके आग लगने की सूचना दी। जिसके बाद खंभे में शार्ट सर्किट के कारण आग लगने की सूचना मुझे मिली और शार्ट सर्किट की चिंगारी घर के अंदर रखे हुए सिलेंडर में लगी जिसके बाद कमरे में धमाका हो गया जिसके बाद मेरे मकान मालिक ने अग्निशमन के लोगों को फोन कर के आग लगने की सूचना दी और शाम 6:30 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका
बिल्डिंग के मालिक संजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि हम लोगों को आग के बारे में चार बजे के आसपास पता चला मेरे परिवार वालों ने मुझे बताया कि घर में आग लग गई है जिसके बाद मैं भाग कर घर की तरफ आया तो मैनें देखा कि घर की दूसरी मंजिल में आग लगी हुई है जिसके बाद हमने फायर बिग्रेड के अधिकारियों को फोन किया लेकिन उनको आने में काफी समय लगने वाला था जिसके बाद नगर निगम और स्थानीय निवासी आग को बुझाने के लिए जुट गए लेकिन आग इतनी ज्यादा लगी हुई थी बिना फायर बिग्रेड के इसको नहीं बुझाया जा सकता था जिसके बाद फायर बिग्रेड की गाड़ी किसी तरह घटनास्थल तक पहुंची और शाम 6 बजे तक आग को काबू किया गया। संजय कुशवाहा ने बताया कि इससे पहले भी खंभे की वजह से यहां आग लग चुकी है लेकिन प्रशासन को कई बार शिकायत करने के बाद भी इसका कोई हल नहीं निकाला जा सका है।
हादसे पर मधु बताती हैं कि जब हम यहां पहुंचे तो हमारे पूरे घर में आग लग चुकी थी। आग लगने के बाद हमने सोचा कि घर में कुछ बच जाएगा लेकिन जब हमने छानबीन करी तो कुछ नहीं मिला पूरा समान जल चुका था। अगले महीने बेटी की शादी होने वाली थी जिसका पूरा समान कपड़े, गहने और पैसा रखा हुआ था। लेकिन आग में सबकुछ जल गया मधु ने बताया कि घर में फ्रिज, टीवी, लैपटॉप रखा हुआ था जो शादी के समय में दिया जाना था। लेकिन अब कुछ नहीं बचा परेशान होकर मधु बोलती है कि हमें तो समझ नहीं आ रहा क्या करा जाए हमारी तो जिंदगी खत्म हो गई है।
बिल्डिंग में दूसरी मंजिल में रहने वाले कालीचरण बताते हैं कि जब ये घटना हुई तो मैं घर पर नहीं था मेरे लड़के ने मुझे फोन कर के बताया कि घर में आग लग गई है जिसके बाद में घर की तरफ भागा जब में यहां पहुंचा तो मैने देखा यहां आग काफी भंयकर लगी है। आग लगने के बाद मेरी पत्नी ने सिलेंडर को रसोई से निकाल कर बाहर रख दिया और जान बचाने के लिए यहां से भागे जिसके बाद फायर बिग्रेड की गाड़ी को फोन करा लेकिन फायर बिग्रेड की गाड़ी भी एक घंटा लेट आई अगर फायर बिग्रेड की गाड़ी जल्दी आ जाती तो मेरे समान का कोई नुकसान नहीं होता।
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कालीचरण ने बताया कि आग लगने के समय मेरी पत्नी और मेरा बेटा घर पर ही बैठे हुए थे जिसके बाद जान बचाने के लिए वह लोग घर से भागे लेकिन घर के समान को नहीं बचा सके। आग के कारण हमें 70 से 80 हजार रुपए तक का नुकसान हुआ है। हम गरीब आदमी है मजदूरी करते है कहां से इतना नुकसान झेल पाएंगे। साथ ही प्रशासन ने अभी तक हमारी कुछ मदद नहीं करी है पिछले दो दिनों से हम पड़ोसी के घर पर खाना खा रहे है।
हादसे के समय कालीचरण की पत्नी आशा घर पर ही थी जब ये घटना हुई उस समय आशा बच्चों के लिए खाना बना रही थी उन्होंने जनज्वार को बताया कि मैं घर पर बैठ कर खाना बना रही थी जब मैने बाहर की तरफ देखा तो मुझे खांसी महसूस होने लगी जब मैने अपने बेटे को बाहर जाकर देखने के लिए कहा तो लड़का घबराते हुए मेरे पास आया और बताया कि बिल्डिंग में आग लग चुकी है। जिसके बाद मैने घर के अंदर रखे दोनों सिलेंडरों को बाहर रख दिया। जब मैं नीचे की तरफ भागी तो धुआ इतना ज्यादा था कि मैं चक्कर खा कर गिर गई तब तक में नीचे गई तो आग की लपटे घर के अंदर तक पहुंच चुकी थी। आग से घर में रखा टीवी, आरओ सबकुछ जल चुका था। हमारे पास कुछ नहीं बचा था खाने पीने के लिए सब कुछ खत्म हो गया था