उन्नाव के बाद कानपुर में दलित स्कूली छात्रा के सामूहिक दुष्कर्म से सुलग रहा उत्तर प्रदेश
कानपुर देहात में सामूहिक दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िता ने की आत्महत्या, संविदा सफाईकर्मी हैं लड़की के पिता, दो आरोपी गिरफ्तार..
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, कानपुर। उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत से कुछ घण्टे पहले कानपुर देहात की एक सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता ने मौत को गले लगाकर जान दे दी। घरवालों का पुलिस पर आरोपियो को गिरफ्तार ना करने तथा मामले में लीपापोती करने का आरोप है।
कानपुर देहात के रूरा में कक्षा आठ में पढ़ने वाली छात्रा 22 दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने से आहत थी। बताया जाता है कि गांववालों के तानो से तंग आकर उसने गांव छोड़ दिया था और चौबेपुर में रहने वाली अपनी चचेरी बहन के घर जाकर फांसी लगा ली। शनिवार 7 दिसंबर की सुबह परिजनों ने पुलिस पर आरोपियों से साठगांठ का आरोप लगाकर हंगामा शुरू किया, तब आला अफसर हरकत में आए। पुलिस ने तीन में से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
संबंधित खबर : उन्नाव रेप पीड़िता को जलाकर मारने वालों को सीन रिक्रिएशन के लिए कब बुलाएगी यूपी पुलिस!
रूरा में ग्राम पंचायत के संविदा सफाई कर्मी की 15 वर्षीय बेटी गांव के ही स्कूल में पढ़ती थीं। पिता के मुताबिक 13 नवंबर को उनकी बेटी शौत के लिए गई हुई थी जिसके बाद वहीं से गायब हो गई थी। 16 नवंबर को लड़की के पिता ने गांव के सन्नी, उसके चाचा लाला और रिंकू के खिलाफ बेटी के अपहरण की तहरीर दी। लेकिन पुलिस ने बहला-फुसलाकर ले जाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की थी।
इधर गांव वालों के तानों से परेशान छात्रा को परिजनों ने 29 नवंबर को कानपुर नगर के चौबेपुर थाना स्थित गाँव में रहने वाली चचेरी बहन के घर भेज दिया। तब से पीड़िता यहीं रह रही थी लेकिन वह खुद के साथ हुई दरिंदगी को भूल नहीं पा रही थी। 6 दिसंबर की रात करीब साढ़े सात बजे उसने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
पीड़िता की आत्महत्या के बाद हरकत में आई पुलिस ने तीन में से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी अब भी फरार है। कानपुर के एसपी और डीएम ने शनिवार को प्रेस कॉन्फेंस करके बताया कि 164 के बयान के आधार पर 2 दिसम्बर को केस गैंगरेप की धारा में तरमीम कर दिया गया।
पीड़िता के परिवारवालों का कहना है कि आरोपियों की दहशत की वजह से वह अपना घर छोड़कर बहन के घर चली गयी थी। पीड़िता के परिवारवालों का आरोप है कि पीड़िता को लगातार धमकियां मिल रही थीं, जिसकी जानकारी रूरा पुलिस को दी जा रही थी लेकिन पुलिस की उदासीनता के कारण पीड़िता घर में डरकर रहने लगी थी। करीब एक सप्ताह पहले पीड़िता कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में अपनी बहन के घर चली गई थी, जहां उसने अपनी जान दे दी।
इस मामले पर कानपुर देहात के जिलाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि तीन लोग लड़की को लेकर गए थे। तीन दिन बाद सन्नी नाम का लड़का उसको छोड़कर गया। इस मामले मुकदमा दर्ज किया गया है। लड़की का मेडिकल करवाया गया और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ा दी गईं हैं। सन्नी और उसका चाचा लाला जो आरोपी हैं उनकी गिरफ्तारी पुलिस के द्वारा की गई। यह बात भी संज्ञान में आई है कि सन्नी और लड़की दोनों एक दूसरे को पहले जानते थे। दोनों की जाति अलग अलग है और एक ही गांव के गांव में रहते थे। लड़की के परिजनों ने अपने रिश्तेदारों के पास काउंसिलिंग के लिए कानपुर भेजा हुआ था।
कानपुर देहात के एसपी अनुराग वत्स ने कहा कि 16 तारीख को पुलिस ने धारा 363, 366 के तहत मामला दर्ज किया था। लड़की और आरोपी आसपास के रहने वाले हैं। परिवार वालों ने काउंसिंग के लिए कानपुर भेजा हुआ था। इस मामले की जांच की जा रही है जो भी इसमें तथ्य निकलकर सामने आएंगी उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।