अंधविश्वास में और गहरे धंसती महिलायें, कोरोना भगाने के लिए अब लोटे पर आधार कार्ड रख कर रहीं सूर्य उपासना

Update: 2020-06-04 09:07 GMT

महिलाओं ने अंधविश्वास पर आंखें मूंदकर विश्वास किया और बड़ी संख्या में आधार कार्ड के साथ सूर्य उपासना की, ताकि न सिर्फ कोरोना भागे बल्कि इस तंगी में उनके खातों में मोदी सरकार पैसा भी डाल दे...

जनज्वार। हमारा देश अंधविश्वास में गहरे तक धंसा हुआ है। किसी भी समस्या का इलाज हमारे वहां अंधविश्वास में ढूंढ़ा जाता है। अब कोरोना को लेकर भी तरह-तरह का अंधविश्वास सामने आ रहा है।

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झारखंड जहां पहले ही अंधविश्वास की कई ऐसी घटनायें सामने आती रहती हैं, जो इंसानियत को शर्मसार करती हैं, अब कोरोना को लेकर एक नया अंधविश्वास सामने आया है। यहां की महिलायें लोटे को कलश बना उस पर आधार कार्ड रख सूर्य उपासना कर रही हैं, ताकि कोरोना से मुक्ति मिले। ऐसा महिलायें सिर्फ कोरोना से मुक्ति के लिए नहीं कर रही हैं, बल्कि यह भी अफवाह फैलायी जा रही है कि जो महिलायें लोटे पर आधार कार्ड रखकर सूर्य को अर्घ्य देंगी, उनके खातों में मोदी सरकार का भेजा पैसा पहुंचेगा।

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मंगलवार 2 जून की शाम को मेराल थाने के हासनदाग गांव में सैकड़ों महिलाएं भगवान सूर्य की पूजा करने के लिए यूरिया नदी के किनारे जमा हो गईं। महिलाओं ने लोटे को कलश बनाकर और उसपर आधार कार्ड रखकर कोरोना से मुक्ति की मन्नत मांगी।

कोरोना को लेकर अंधविश्वास लगातार फैल रहा है, जबकि प्रशासन लगातार ताकीद कर रहा है कि किसी भी तरह की अफवाहों में न आयें।

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जानकारी के मुताबिक झारखंड के मेराल और मझिआंव इलाकों में सूर्य की उपासना करने से कोरोना भागने और आधार कार्ड लोटे पर रखकर सूर्य को अर्घ्य देने से मोदी सरकार द्वारा पैसा खाते में भेजने की अफवाह बड़ी तेजी से प्रसारित हुई थी। महिलाओं ने अंधविश्वास पर आंखें मूंदकर विश्वास किया और बड़ी संख्या में आधार कार्ड के साथ सूर्य उपासना की, ताकि न सिर्फ कोरोना भागे बल्कि इस तंगी में उनके खातों में मोदी सरकार पैसा भी डाल दे।

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक यूरिया नदी के किनारे सूर्य की उपासना करने वाली महिलाओं में शामिल जीरा देवी, शारदा देवी, बर्ती कुमारी, गीता देवी, तेतरी देवी, सुमन देवी आदि महिलाओं ने कहा कि कोरोना को भगाने के लिए सूर्य भगवान की पूजा की है। साथ ही गंगा मइया को ध्यान में रखकर आराधना की है कि कोरोना को बहाकर ले जाएं।

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गौरतलब है कि इससे पहले बिहार में कोरोना भगाने को लेकर एक अंधविश्वास बड़ी तेजी से प्रसारित हुआ था। अंधविश्वास के कारण बिहार में कोरोना माई की पूजा शुरू कर दी गयी। बिहार के बरौनी, बेगूसराय, दरभंगा, चंपारण, सारण सहित दर्जनों जिलों में महिलाएं कोरोना माई की पूजा कर रही हैं।

बिहार में कोरोना माई की पूजा से पहले सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो काफी वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में महिला कह रही है कि यह बिहार के बरौनी से शुरू हुआ है। बरौनी में कुछ महिलाएं खेतों में थीं, तभी कुछ गाय उधर से गुजरीं और उन गायों में से एक गाय महिला के रूप में आ गई। यह देख खेतों में खड़ी महिलाएं काफी डर गईं, जिसके बाद गाय से महिला बनी औरत ने सबको पास बुलाया और कहा कि डरने की जरूरत नहीं। वे कोरोना माई हैं और यह बताने के लिए प्रकट हुईं हैं कि अगर उनकी पूजा की जाय तो कोरोना कुछ नहीं कर सकता और पूजा करने वाले का घर-परिवार कोरोना से सुरक्षित रहेगा।

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वीडियो में महिला यह भी कह रही है कि कोरोना माई ने कहा कि वे दो बार आंधी लाकर कोरोना को बहुत हद तक भगा चुकीं हैं और उनकी घर-घर पूजा हुई तो एक बार और आंधी लेकर कोरोना को पूरी तरह खत्म कर देंगी। महिला पूजा की विधि भी बता रही है। महिला का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है।

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देखते-देखते बिहार के कई जिलों में महिलाओं ने कोरोना माई की पूजा शुरू कर दी है। निर्जन खेत में अड़हुल के 9 फूल रखकर अगरबत्ती जलाकर 9 लड्डू और 9 लौंग के भोग लगाएं जा रहे हैं।

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