पलवल में कालीरमन की कर दी गई थी हत्या, एक साल बाद भी न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा परिवार
फरीदाबाद के अलावलपुर गांव में बैंककर्मी की करीब एक साल पहले कर दी गई थी हत्या, न्याय के लिए भटक रहा परिवार, अब तक किसी आरोपी की नहीं हुई गिरफ्तारी...
जनज्वार, फरीदाबाद। पलवल के अलावलपुर गांव में करीब एक साल पहले 3 अक्टूबर, 2018 को काली रमन नाम के एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कालीरमन दिल्ली के येस बैंक में मैनेजर पद पर नौकरी करता था। उस दिन आरोपियों ने पहले कालीरमन से लूटपाट की लेकिन इसके बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद कालीरमन के पिता की ओर से पलवल के चान्दहट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, लेकिन इतने समय बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। एफआईआर के मुताबिक कालीरमन के बड़े भाई लोकेश और पिता महेंद्र ने आोरोपी को गोली चलाते देखा है लेकिन उनका परिवार न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
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एफआईआर में कालीचरन के पिता महेंद्र ने बताया, 'मेरे दो लड़के हैं। बड़ा लोकेश और छोटा कालीरमन हैं। कालीरमन दिल्ली में येस बैंक में नौकरी करता था। वह घटना के दिन सुबह करीब 10.30 बजे सुबह अपने बॉस से मिलने के लिए फरीदाबाद के सेक्टर-85 से अपनी कार से चला गया था। तभी रात 11.43 बजे कालीरमन का मेरे बड़े लड़के लोकेश के पास फोन कॉल आया कि बलदेव के घर के सामने जो बड़ा ब्रेकर है वहां मुझसे पैसे लूट रहे हैं।'
उन्होंने आगे बताया, 'इसके बाद जैसे ही हम वहां पहुंचे तो देखा कि साऊका मोहल्ला के रहने दिनेश ने हमारे सामने ही कालीरमन को गोली मार दी। उसके साथ साऊका मोहल्ला के अजीत भी था। गोली मारकर दोनों पैदल भागे जबकि एक अन्य मोटरसाइकिल से पलवल की ओर भाग गया जो पहचानने में नहीं आया।'
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पिता महेंद्र ने आगे बताया, 'इसके बाद हम कालीरमन को निजी वाहन से इलाज के लिए एपेक्स अस्पताल ले गए जहां पर डॉक्टर ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए बड़े अस्पताल में ले जाने को कहा। फिर हम कालीरमन को फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद लेकर आए जहां डॉक्टर साहब ने उसे मृत घोषित कर दिया। कालीरमन ने अपना वेतन 30,000 रुपए निकाले थे और बड़े बेटे के एटीएम से भी 10,000 रुपए निकाले थे, जो घटना के बाद हमें उसके पास नहीं मिले।
एफआईआर उन्होंने आगे कहा, 'काली रमन को अलावलपुर के दिनेश, अजीत वसियान व एक दो अन्य ने गोली मारकर हत्या की है। उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। हालांकि इस मामले में जनज्वार ने पलवल के चान्दहट पुलिस थाने से संपर्क किया तो वहां के पुलिसकर्मी रणवीर सिंह ने बताया कि 'इस मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी 6 नवंबर 2018 को की जा चुकी है, जिनके नाम प्रमोद महेंरचंद, प्रवीण महेंरचंद और आशाराम महेंरचंद्र हैं।'
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हालांकि पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की बात को लेकर मृतक कालीरमन के भाई लोकेश ने बताया कि पुलिस ने जिन तीन आरोपियों पहले गिरफ्तार किया है, वो हमारे गांव के ही लोग हैं, पुलिस उनको दिखाने के लिए गिरफ्तार करती है और फिर छोड़ देती है। जबकि मुख्य आरोपी दिनेश और अजीत को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। जब हम पुलिस से आरोपियों की गिरफ्तारियों के बारे में पूछने जाते हैं तो पुलिस फरार बताकर पल्ला झाड़ देती है और हर बार आश्वासन देती है कि आरोपियों को अभी ढूंढा जा रहा है, लेकिन इस केस को एक साल होने वाले हैं, अपराधियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया हैं।
इस पर चांन्दहट के पुलिस अधीक्षक ने जनज्वार को बताया कि जांच के आधार पर हमने महेंरचंद, प्रवीण महेंरचंद और आशाराम महेंरचंद्र को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी दिनेश और अजित फरार चल रहे हैं, उनकी तलाश की जा रही है।
कालीरमन के भाई लोकेश कहते हैं कि मैं हत्या के आरोपियों को प्रशासन से गिरफ्तार करवाना चाहता हूं क्योंकि हमारी जान को भी खतरा है। यह पूछे जाने पर कि आपको खतरा क्यों लग रहा है तो लोकेश ने कहा कि जब वह मेरे भाई की हत्या कर सकते हैं तो हमारी भी हत्या कर सकते हैं। इसलिए भी खतरा है, क्योंकि हम इस केस में गवाह हैं।