विधवा महिला कर रही थी पराये पुरुष से बात तो रिश्तेदारों ने बुरी तरह पीटा, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

Update: 2020-02-15 11:42 GMT

पठानापुरम पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला के साथ मारपीट या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया है, हालांकि घटना के सामने आने के बाद चारों आरोपी फरार हैं...

जनज्वार। हमारा समाज महिलाओं को लेकर कितनी घटिया सोच रखता है, इसके दर्जनों उदाहरण हर दिन सामने आते हैं। जिस महिला का पति नहीं हो यानी विधवा महिला की तो यह समाज और रिश्ते-नातेदार सबसे ज्यादा मोरल पुलिसिंग करते हैं। महिला को आर्थिक संबल देने को तो कोई तैयार नहीं होता, मगर नैतिकता का पाठ पढ़ाने के लिए पूरी बिरादरी उठ खड़ी होती है।

केरल के कोल्लम जिले में बदसलूकी कर मारपीट करने का मामला सामने आया है। 34 वर्षीय महिला पर 4 पुरुषों के गिरोह ने पठानापुरम में कल शुक्रवार 14 फरवरी को हमला कर उसे घायल कर दिया। पीड़िता की पहचान शालिनी के रूप में की गई है। शालिनी विधवा है, जो लोगों के घरों में काम कर अपने 2 बच्चों का पालन-षोपण करती है।

मले के दिन शालिनी पठानापुरम में अपने घर के बाहर एक रिश्तेदार के साथ बात कर रही थी। इसी दौरान एक दूसरे रिश्तेदार ने 3 लोगों के साथ मिलकर शालिनी को कैद कर उससे पूछताछ करनी शुरू कर दी, जिसके बाद गुंडों ने शालिनी के घर में घुस कर उसके साथ मारपीट भी की, जिसके कारण शालिनी के सिर और आंख में गंभीर चोट भी आई है।

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मले के तुरंत बाद शालिनी को इलाज के लिए पठानापुरम तालुक अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना पर स्थानीय पुलिस ने 4 लोगों के के खिलाफ पुलिसिंग, उत्पीड़न और हिंसा के तहत एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों की पहचान विनित, विनोद, अनु और दिलीप के रूप में हुई है। आरोपी शालिनी के पड़ोसी हैं।

मामले पर स्थानीय मीडिया को बताते हुए शालिनी ने कहा कि मेरे कुछ पड़ोसी झूठे दावे करके मेरे लिए बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। ये लोग मेरे घर के पास ही रहते हैं। अक्सर काम करने के दौरान में ज्यादातर समय घर से बाहर रहती हूं और घर पर मेरी बेटी अकेले रहती है, मुझे इस बात की कोई गांरटी नहीं है कि कल को ये लोग मेरे बेटी के ऊपर भी हमला कर दें।

ठानपुरम पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला के साथ मारपीट या आपराधिक बल ) के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि घटना के सामने आने के बाद चारों आरोपी फरार हैं।

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केरल में हाल के दिनों में मोरल पुलिसिंग के नाम पर की गयी हिंसा की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी दिसंबर 2019 में तिरुवनंतपुरम प्रेस क्लब के सचिव एम राधाकृष्णन ने एक महिला सहकर्मी के घर में तोड़फोड़, मारपीट की थी। हमले के दौरान महिला अपने दो बच्चों के साथ घर में मौजूद थी। इस दौरान राधाकृष्णन अपने कुछ साथियों को लेकर साथ में आए थे और साथी पुरुष को घर से घसीट कर ले गए थे।

इस मामले में राधाकृष्णन ने महिला और पुरुष के बीच आपसी संबंध होने के आरोप लगाए थे। घटना के बाद महिला ने अपने पिता के साथ राधाकृष्णन के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी, जिसके बाद तिरुवनंतपुरम में महिला पत्रकारों के कड़े विरोध के बाद राधाकृष्णन को प्रेस क्लब के सचिव के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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