बीमार गाय को छोड़कर भागने के शक में जिस बुजुर्ग के साथ गौ गुंडों हैवानियत की हदें पार कीं वह तो मुस्लिम या दलित भी नहीं था, हिंदुओं में श्रेष्ठ कहे जाने वाले ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखता था.....
बलरामपुर से फरीद आरजू की रिपोर्ट
जनज्वार। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के बाद भी मॉब लिंचिंग की घटनायें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले 4 दिनों में दो अलग अलग घटनाओं में भीड़ की बर्बरता सामने आई है। इन घटनाओं में बर्बर भीड़ ने 2 बुजुर्गों पर जमकर कहर ढाया, जिसमें से एक की तो मौत भी हो गई।
बर्बरता में 72 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गयी, जबकि एक बुजुर्ग का मुंह काला करते हुए सिर मुड़वाकर जंजीरों में बांधकर गाँव मे घुमाने का शर्मनाक मामला सामने आया है।
पहली घटना देहात कोतवाली के नन्दनगर अचानकपुर की है, जहाँ एक बुजुर्ग को इस शक में की वह बीमार गाय को छोड़कर भाग रहा था, भीड़ ने अपना निशाना बना लिया। बीमार गाय को छोड़कर भागने की अफवाह फैलते ही गाँव वालों ने बुजुर्ग कैलाश शुक्ला को पकड़ लिया और उनका मुँह काला कर सिर मुंडवाते हुए जंजीरों में बांध कर पूरे गाँव में घुमाया।
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जबकि बुजुर्ग कैलाश शुक्ला का कहना है कि वह गाय को जंगल में चारे के लिए छोड़ गए थे। भीड़ के सामने भी वह यही बात कहकर गिड़गिड़ाते रहे, भगवान की दुहाई देते रहे, मगर किसी ने उनकी एक न सुनी। गौमाता और गौभक्ति के नाम पर भीड़ के सर पर खून सवार था। गांव वालों ने हैवानियत की हदें पार करते हुए बुजुर्ग को मारने—पीटने, गांव में सिर मुंडवा, जंजीरों में बांध मुंह काला कर घुमाने के बाद पानी भरे गड्ढे में ढकेल दिया।
इसी तरह की दूसरी घटना ललिया के मथुरा बाजार पुलिस चौकी इलाके के लालपुर गाँव में सामने आई है। लड़कियों से छेड़खानी का आरोप लगाकर कुछ लोगों ने 72 साल के कोइल्हे नामक के एक बुजुर्ग को सड़क पर लाठी—डंडों से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।
गाँव के प्रधान ने मामला बिगड़ता देख डायल 100 को सूचना दी। पुलिस कोइल्हे को अस्पताल ले जाने के लिये आयी, मगर पुलिस के घायल कोइल्हे को ले जाने के कुछ घण्टों बाद उसका शव सड़क किनारे पड़ा मिला।
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इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पुलिस बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराने ले गयी थी तो उसका शव सड़क किनारे कैसे पड़ा मिला। दूसरी तरफ मृतक के परिजनों का आरोप है कि करीब 5 घण्टे बुजुर्ग का शव बारिश में पड़ा भीगता रहा, लेकिन कोई पुलिस वाला नहीं आया।
मृतक बुजुर्ग के भाई ने पुलिस को जो तहरीर दी थी, पुलिस उसे भी बदलकर मामले को दबाने का प्रयास में लगी रही। एसपी बलरामपुर का कहना है कि अचानकपुर घटना के 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि ललिया की घटना के सम्बंध में कुछ भी साफ बोलने से कतराते नजर आ रहे हैं।