मध्यप्रदेश में नीम के पेड़ से निकला दूध जैसा पदार्थ तो चमत्कार मान पूजा-पाठ करने वालों की लगी भीड़
आसपास के लोग नीम के पेड़ की पूजा करते हैं और एक चमत्कार को देखने आ रहे हैं, लोग अलग-अलग तरह की बातें कर रहे हैं, कई लोग तो बीमारियों ठीक होने के दावे भी कर रहे हैं...
भोपाल के गोविंदपुरा से रोहित शिवहरे की रिपोर्ट
भोपाल के गोविंदपुरा क्षेत्र जवाहरलाल प्राइमरी स्कूल में एक नीम का पेड़ लगा है। कुछ दिनों से उस पेड़ से दूध जैसा सफेद पदार्थ निकलने लगा है, जिसे लोग चमत्कार समझ कर न केवल पेड़ की पूजा कर रहे हैं, बल्कि उससे निकल रहे सफेद पदार्थ को भी बोतलों में भरकर ले जा रहे हैं।
जैसे जैसे इस नीम के पेड़ के बारे में पता चल रहा है, लोग दूर—दूर से इसके दर्शन करने पहुंच रहे हैं और अंधविश्वास इस कदर फैलता जा रहा है कि लोगों को लग रहा है इस दूध जैसे पदार्थ का प्रसाद ग्रहण कर उनके कष्ट दूर हो जायेंगे।
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गोविंदपुरा निवासी योगेश जो अब लगभग नीम के पेड़ के मालिक जैसी स्थिति में हैं, बताते हैं, 'इस पेड़ से दूध निकल रहा है। यह एक ईश्वरीय चमत्कार है, इसलिए यहां पूजा-अर्चना के बाद दूध को प्रसाद के रूप में बोतल में भरकर लोग ले रहा है। वैसे भी क्षेत्र में पेड़ से दूध निकलना पहली बार देखा गया है। लोगों की इस पर श्रद्धा हैं। लोग किस पर चल रही बांधकर इसकी परिक्रमा करते हैं।'
वहीं पर उपस्थित हर्ष बताते हैं कि 'पेड़ के पास वाला घर योगेश वर्मा का है। उन्होंने इस पेड़ पर अपना हक जमा लिया है और खुद को पेड़ के पंडे के रूप में स्थापित कर लिया है। अब पेड़ पर नए नए नियम कायदे बनते जा रहे हैं। जैसे 7:00 बजे के बाद कोई इस पेड़ के दर्शन नहीं कर सकता है और आज से ही कोई महिला इस पेड़ के करीब नहीं आ सकती है। पहले लोग बोतलों में भरकर तरल पदार्थ ले जाते थे, लेकिन अब उस पर पाबंदी है और सभी लोगों को हाथ में पेड़ से निकलने वाला सफेद पदार्थ थोड़ा-थोड़ा सा प्रसाद के बतौर दिया जाता है।
वे आगे कहते हैं, 'लोगों में अलग तरह का अंधविश्वास फैला है। इसके पहले पेड़ जब सूख रहा था तब किसी ने एक लोटा पानी तक नहीं डाला इसमें, लेकिन अब इसमें भक्तों की भीड़ लग गई है। किन्हीं कारणों से पेड़ से बस सफेद तरल पदार्थ निकल रहा है।'
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नीम के पेड़ से निकल रहे दूध जैसे पदार्थ पर बॉटनी की प्रोफेसर भारती बताती हैं, 'सामान्यतः पेड़ों पर लेटेक्स पाया जाता है। पेड़ों की जो एनाटॉमी होती है, उसके अध्ययन में पाया जाता है कि प्रायः उन पेड़ों में एक लिक्विड का रिसाव होता है जिससे हम सामान्य लेटेक्स कहते हैं। इस लेटेस्ट में अपना औषधीय गुण होता है। हो सकता है नीम के पेड़ जो पदार्थ रिस रहा है वो भी वही हो, मगर जब तक हम उसका अध्ययन नहीं करेंगे तब तक प्रामाणिक रूप से नहीं बता सकते कि वह क्या है। हर पौधे का एक अपना औषधि गुण होता है हो हो सकता है उसमें भी कुछ ना कुछ गुण जरूर होंगे, क्योंकि लोग दावा कर रहे हैं अपने ठीक होने का और यह पेड़ के औषधीय गुण का ही असर होगा। अब अगर लोग उसे चमत्कार मान रहे हैं तो यह निश्चित तौर पर लोगों का अंधविश्वास है। यह एक सामान्य घटना ही है।'
इस मसले पर गोविंदपुरा निवासी नीलिमा बताती हैं, नीम के पेड़ से दूध निकालना कुदरत का खेल है, यहां पर लोगों की भीड़ लगी हुई है। नीम का पेड़ औषधि के पौधे के रूप में पहचाना जाता है। उस पर पेड़ से निकला पदार्थ नुकसानदायक हो ही नहीं सकता है, यही कारण है कि लोग इस पेड़ की पूजा-अर्चना कर दूध को प्रसाद मान रहे हैं।'
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यहां पेड़ के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण कर रहे लोग इस पूरी घटना को ईश्वर का चमत्कार मान रहे हैं। आसपास के लोग पेड़ की पूजा करते हैं और एक चमत्कार को देखने आ रहे हैं। लोग अलग-अलग तरह की बातें कर रहे हैं। कई लोग तो बीमारियों ठीक होने के दावे भी कर रहे हैं।
महिलाएं, बच्चे, बूढ़े सभी इस पेड़ के कुदरती चमत्कार को ईश्वरी चमत्कार मान रहे हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पेड़ से निकलने वाला सफेद पदार्थ बिल्कुल सामान्य घटना है, यह कोई चमत्कार है। लेकिन इसने लोगों के अंधविश्वास को बढ़ावा जरूर दिया है लोग पैसे, चुनरी, फूल पेड़ पर चढ़ा रहे हैं।
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बीमारी ठीक होने का दावा करते हुए हरि सिंह बताते हैं, मुझे सालों से गठिया बात की परेशानी थी, पर इस पेड़ से निकलने वाले दूध का सेवन करने से मेरी गठिया बात की परेशानी बिल्कुल दूर हो गई है। अब मुझे मेरे जोड़ों पर दर्द की कोई शिकायत नहीं है।
ऐसा ही कुछ दावा किशन करते हैं। किशन बताते हैं, 'मुझे शुगर की समस्या थी, लेकिन इस पेड़ की पूजा करने के बाद और इससे निकलने वाले दूध को दवा के रूप मे लेने के बाद मेरी शुगर की बीमारी बिल्कुल ठीक हो गई है।'