दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज, ये है मामला

Update: 2020-05-02 06:41 GMT

जफरुल इस्लाम खान ने 28 अप्रैल को अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखा था, जिसमे उन्होंने कहा था कि मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं...

जनज्वार। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ उनके द्वारा फेसबुक पेज पर भड़काऊ पोस्ट लिखने के बाद उनके ऊपर राजद्रोह और नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर की कॉपी के मुताबिक जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ दो समूहों में वैमनस्यता को बढ़ावा देने और समानता व सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की धारणा से कार्य करने केोहत मामला दर्ज किया गया है।

फरुल इस्लाम खान ने 28 अप्रैल को अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखा था, जिसमे उन्होंने कहा था कि मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं, अगर हिंदुस्तान के मुसलमानों ने इसकी शिकायत अरब देशों से कर दी तो हिंदुस्तान में जलजला आ जाएगा।

दिल्ली राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष डॉ. जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ देशद्रोह और आमजन की भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज हुआ है। मामला दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में रहने वाले एक शख्स की शिकायत पर स्पेशल सेल थाने में दर्ज हुआ है। हालांकि, पोस्ट करने के कुछ समय बाद ही डॉ. जफरुल ने अपने विवादित और भड़काऊ बयान के सोशल मीडिया से हटा दिया था। साथ ही एक मई को उन्होंने इसके लिए माफी भी मांग ली थी।

ईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के मुताबिक, मामले में शिकायतकर्ता कौशल कांत मिश्रा, सेक्टर ए, वसंतकुंज नार्थ में रहते हैं। मिश्रा ने सफदरजंग थाना पुलिस को शिकायत दी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि, 28 अप्रैल 2020 को दिल्ली राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने एक भड़काउ पोस्ट फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर डाली थी। जिससे समाज में वैमनस्यता फैल सकती थी। मामला गंभीर देखकर एसीपी सफदरजंग ने शिकायत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल थाने को भेज दी।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल थाने ने डॉ. जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ इसी शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर दिया। यह केस आईपीसी की धारा 124ए, 153ए के तहत दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार को सौंपी गयी है।

ल्लेखनीय है कि, डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने 28 मार्च को सोशल मीडिया के जरिये तमाम आपत्तिजनक बयान दिये थे। उनके इन बयानों पर देश में एक बहस सी छिड़ गयी थी। तमाम लोगों ने इन बयानों को भड़काऊ और समाज में अशांति फैलाने वाला करार दिया था।

पको बता दें की दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने 1 मई को अपने द्वारा किये पोस्ट को लेकर माफी भी मांगी थी।

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