लाॅकडाउन में आदिवासी छात्रा ने दोस्त से मांगी मदद तो उसने 9 लोगों के साथ किया गैंगरेप
लॉकडाउन के दौरान हॉस्टल से घर जाने के लिए दोस्त से मांगी थी मदद कि घर पहुंचा दो, मगर उसने 10 लोगों के साथ नाबालिग लड़की के साथ जो किया उसने किया मानवता को शर्मसार, फिर मरा हुआ जान छोड़ गये जंगल में...
जनज्वार, झारखंड। कोरोना वायरस से बचने के लिए लाॅकडाउन से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गरीब, मजदूर, महिलाएं व विकलांग लोग इससे सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। झारखंड के दुमका में लाॅकडाउन के दौरान एक आदिवासी छात्रा ने जिस दोस्त से मदद मांगी उसने नौ अन्य लोगों के साथ उस लड़की के साथ गैंगरेप किया। इस घटना को अंजाम देने के बाद वह लड़की को जंगल में छोड़ कर फरार हो गया।
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इस घटना की पुष्टि खुद एसपी वाइएस रमेश ने की है। दुमका एसपी वाईएस रमेश का इस घटना के बारे में कहना है कि छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना हुई है। बलात्कार आरोपियों के खिलाफ हमने प्राथमिकी कर ली है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हमने रामगढ़ सामूहिक दुष्कर्म कांड की तर्ज पर इस मामले की भी जांच का निर्देश दिया गया है।
घटनाक्रम के मुताबिक 16 साल की पीड़ित लड़की दुमका में एक हाॅस्टल में रहकर इंटर की पढाई करती है। वह जिले के गोपीकांदर थाना क्षेत्र की रहने वाली है। प्रधानमंत्री के द्वारा लाॅकडाउन का ऐलान किए जाने के बाद उसने घर जाने का निर्णय लिया और उसने इसके लिए पाकुड़ जिले की अपनी सहेली की मदद ली। पाकुड़ की रहने वाली एक लड़की जिसके पास स्कूटी है, उसके साथ ही वह घर के लिए रवाना हुई। सहेली ने उसे कारूडीह मोड़ पर छोड़ दिया, जहां से उसे मुख्य मार्ग से अंदर अपने गांव जाना था।
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लड़की काफी देर तक परिवार वालों का इंतजार करती रही, लेकिन जब वे नहीं पहुंच सके तो शाम साढ़े चार बजे के बाद वह अंधेरे होने से परेशानी बढने के मद्देनजर पड़ोस के एक गांव गड़ियापानी चली गयी। वहां से उसने बगल के गांव के एक दोस्त प्रसन्नजीत हांसदा उर्फ विक्की को फोन लगाया और घर पहुंचाने के लिए मदद मांगी।
फोन आने पर प्रसन्नजीत अपने एक दोस्त के साथ बाइक से उसके पास पहुंचा और बोला चलो घर पहुंचा दे। इसके बाद वह उसे कच्ची सड़क से ले जाने लगा। इस पर लड़की ने टोका कि इस रास्ते कहां ले जा रहे हो तो उसे दलील दी कि लाॅकडाउन को लेकर पक्की सड़क पर पुलिस जांच कर रही है, इसलिए इस रास्ते से जा रहे हैं।
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फिर एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसने बाइक रोक दी और शौच की बात कहकर वहां से थोड़ी दूर चला गया। फिर प्रसन्नजीत फोन पर अन्य लोगों से बात करने लगा। बाइक के पास लड़की व विक्की का दोस्त खड़ा रहा। बाद में अंधेरा होने पर विक्की का दोस्त उसे बुलाकर लाया और दोनों ने लड़की के साथ रेप किया। इसके कुछ देर बाद 8 अन्य लड़के आ गए और उन्होंने लड़की के साथ गैंगरेप किया। बाद में आए लड़कों ने नकाब पहन रखा था, ताकि पहचान न हो सके।
लड़कों ने गैंगरेप के दौरान उसके गले पर चाकू भी सटा कर रखा और मारपीट भी की। इसके बाद बेहोश होने पर लड़की को मरा समझ कर सभी भाग गये। 24 मार्च की रात की घटी इस घटना में लड़की सुनसान जंगल में रातभर पड़ी रही और 25 मार्च की सुबह होश आने पर वह रेंगती हुई रोड तक पहुंची, जहां ग्रामीणों ने उसे देखा और उससे अपने साथ हुए घटना के बारे में उन्हें बताया।
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ग्रामीणों ने इस घटना के बारे में उसके घर वाले को सूचित किया। लड़की के भाई ने गोपीकांदर थाना की पुलिस को घटना के बारे में बताया और गोपीकांदर थाना की पुलिस ने किशोरी को दुमका के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू की है, लेकिन अब तक किसी को अरेस्ट नहीं किया जा सका है।