किस समाज में जी रहे हैं हम जहां अंधविश्वास के नाम पर एक गरीब महिला को डायन बताकर न सिर्फ उसके बाल काट दिए जाते हैं बल्कि जबरन मैला भी पिला दिया गया...
देवघर। एक तरफ जहां दिनोंदिन विज्ञान प्रगति की राह पर है, समाज में शिक्षा का प्रतिशत बढ़ रहा है, वहीं कुछ ऐसी घटनाएं भी सामने आ जाती हैं, जो सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हम वाकई 21वीं सदी में जी रहे हैं। अंधविश्वास की घटनाओं ने तो रिकॉर्ड तोड़ा हुआ है।
ऐसी ही एक हैरतनाक घटना घटी है झारखंड के देवघर में। यहां एक गरीब महिला को डायन बताकर न सिर्फ उसके बाल काट दिए, बल्कि जबरन मैला भी पिलाया गया। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक देवधर कबसारवां थाना क्षेत्र की एक महिला ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मामला दर्ज करवाया है कि उसे डायन बताकर न सिर्फ प्रताड़ित किया गया, बल्कि उसके बाल काटकर जबरन उसे मैला भी पिलाया गया।
जब वह खुद पर हो रहे प्रताड़ना की शिकायत करने पुलिस के पास पहुंची तो मामला दर्ज नहीं किया गया। पुलिस द्वारा शिकायत थाने में दर्ज न करने पर महिला ने कोर्ट की शरण ली है। अब मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने महिला के उत्पीड़न का मामला दर्ज कर लिया है, जल्द ही इस मामले पर सुनवाई की जाएगी। शिकायत में कहा गया है कि पीड़ित महिला गरीब है, जो किसी तरह मजदूरी करके अपना गुजारा करती है।
मामले के मुताबिक कबसारवां थाना क्षेत्र के एक गांव के परमेश्वर दास का बैल बीमार था, तो तांत्रिक ने इसे डायन की करतूत बताया और एक गरीब महिला को डायन बता दिया। तांत्रिक के यह कहने के बाद गांव के परमेश्वर दास, रोहित दास, देबू दास, बलवीर दास और सुशीला देवी महिला के घर पर धमककर गाली-गालौज करने लगे। जब महिला ने खुद पर हो रहे अत्याचार का विरोध किया तो महिला को बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया।
महिला के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि मैला पिलाकर बाल भी काट दिए। उसकी साड़ी का आंचल काट लिया और डायन का प्रभाव खत्म करने के लिए कटे बाल और उसके आंचल को चौराहे पर ले जाकर जला दिया। जब महिला शिकायत थाने में दर्ज करवाने गई तो पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जिसके बाद उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।