Akhilesh on Jinnah: अखिलेश के 'जिन्ना' को लेकर बयान पर सियासत तेज, योगी ने बताया 'तालिबानी' सोच, ओवैसी ने कहा- भारतीय मुसलमानों का जिन्ना से ताल्लुक नहीं

Akhilesh on Jinnah: ओवैसी ने कहा कि अगर अखिलेश यादव सोचते हैं कि इस तरह के बयान देकर वह एक खास वर्ग को खुश कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि वह गलत हैं और उन्हें अपने सलाहकारों को बदलना चाहिए...

Update: 2021-11-01 12:12 GMT

योगी ने कहा - अखिलेश सत्ता में आए तो अयोध्या का नाम बदल देंगे। 

Akhilesh on Jinnah: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)का मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर दिए एक बयान के बाद हिन्दू मुसलमान की सियासत एक बार फिर तेज हो गई। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के बयान को बेहद शर्मनाक बताया। वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दिन ओवैसी ने कहा कि भारतीय मुसलमानों का जिन्ना से कोई लेना देना नहीं है।

दरअसल, रविवार, 31 अक्टूबर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हरदोई(Hardoi) में एक कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah)की तुलना सरदार पटेल(Sardar Patel), महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरु से कर दी। उन्होंने कहा कि, "सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर बैरिस्टर बनकर आए थे। एक ही जगह पढ़ाई-लिखाई की। वह बैरिस्टर बने और उन्होंने देश को आजादी दिलाई। अखिलेश यादव के इसी बयान के बाद विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। 

योगी ने कहा- माफी मांगे अखिलेश

सोमवार, 1 नवंबर को मुरादाबाद पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) ने अखिलेश यादव पर उनके बयान को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की सोच तालिबानी है। योगी ने कहा, "मैंने अखिलेश का भाषण सुना। वे राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की तुलना देश तोड़ने वाले जिन्ना से कर रहे थे। यह बेहद शर्मनाक है। अखिलेश यादव को देश से माफी मांगनी चाहिए।"

मुरादाबाद में यूपी के सीएम योगी ने कहा कि पूरा देश सरदार पटेल को लौह पुरुष मानता है। ऐसे समय में अखिलेश की तालिबानी सोच फिर से सामने आई है। उन्होंने देश को तोड़ने वाले जिन्ना की तुलना देश को जोड़ने वाले सरदार पटेल के साथ कर दी। ऐसी सोच हमेशा देश को विभाजित करने में विश्वास रखती है। योगी ने अखिलेश पर पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले इन्होंने समाज को जाति के नाम पर तोड़ने की साजिशें रचीं, मंसूबे पूरे नहीं हुए तो अब महापुरुषों पर लांछन लगाकर पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है।





योगी ने आगे कहा कि, "उन्हें पहले से ही समाज को बांटने से फुरसत नहीं थी। विभाजन की उनकी प्रवृत्ति अभी गई नहीं है। यह लोग शुरू से ही तुष्टिकरण की राजनीति करते रहे हैं। सरदार पटेल का अपमान देश स्वीकार नहीं करेगा और प्रदेश और देश की जनता अखिलेश को हरगिज स्वीकार नहीं करेगी। अखिलेश को अपने इस बयान के लिए देश को लोगों से माफी मांगनी चाहिए।"

ओवैसी ने कहा-  जिन्ना से नहीं ताल्लुक

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार,AIMIM प्रमुख असदुद्दीन आवैसी ने जिन्ना को लेकर अखिलेश यादव के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा,"अखिलेश यादव को समझना चाहिए कि भारत के मुसलमानों का मुहम्मद अली जिन्ना से कोई ताल्लुक नहीं है। ओवेसी ने कहा कि हमारे बड़ों ने ही दो राष्ट्र के थ्योरी को नकारा कर भारत को अपना देश माना था।"

इसी के साथ ओवैसी ने अखिलेश यादव को इतिहास पढ़ने की भी सलाह दी। ओवैसी ने कहा, "अगर अखिलेश यादव सोचते हैं कि इस तरह के बयान देकर वह एक खास वर्ग को खुश कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि वह गलत हैं और उन्हें अपने सलाहकारों को बदलना चाहिए। उन्हें भी खुद को शिक्षित करना चाहिए और कुछ इतिहास पढ़ना चाहिए।"


मायावती ने बयान को सपा-भाजपा की मिलीभगत बताया

इधर, बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश के बयान को समाजवादी पार्टी और भाजपा की मिलीभगत बताया है। मायावती ने कहा कि सपा अध्यक्ष द्वारा जिन्ना को लेकर कल हरदोई में दिया गया बयान और उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रिया से साफ जाहिर है कि दोनों पार्टियों मिली हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानबाजी करके दोनों पार्टियां हिन्दू-मुसलमान को बंाटकर चुनावी माहौल खराब करना चाहती है।





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