Bangalore News: अस्पताल में मौत के 15 महीने बाद तक पड़े रहे दो लोगों के शव, सफाई के दौरान कर्मियों को मिली लाश

Bangalore News: दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के 15 महीने बाद अस्पताल के मर्च्युरी में उनकी डेड बाडी मिली है। अस्पताल के सफाइकर्मियों को सफाई के दौरान मर्च्युरी के कोल्ड स्टोरेज से शव मिले...

Update: 2021-11-29 07:46 GMT

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Bangalore News: बेंगलुरु के एक अस्पताल से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां सफाई कर्मचारियों तो 15 महीने पुरानी दो लावारिस लाश मिली है। बताया जा रहा है कि दोनों की मौत कोरोना की पहली लहर के दौरान हुई थी। परिजनों द्वारा खोजबीन न करने के बाद दोनों की लाश को अस्पताल की मर्च्युरी में रखवा दिया गया। मगर, लापरवाही के कारण तब से दोनों शव वहीं पड़े हुए थे। सफाईकर्मियों ने जब मर्च्युरी की सफाई की तो लाश देखकर सब दंग रहे गए।

मामला बेंगलुरु के राजाजीनगर ईएसआई अस्पताल का है। जानकारी के अनुसार, दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के 15 महीने बाद अस्पताल के मर्च्युरी में उनकी डेड बाडी मिली है। अस्पताल के सफाइकर्मियों को सफाई के दौरान मर्च्युरी के कोल्ड स्टोरेज से शव मिले। लापरवाही सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सोमवार 29 नवंबर को अधिकारियों द्वारा दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

परिजनों ने शव लेने से किया इंकार

दोनों शव मिलने के बाद राजाजीनगर पुलिस इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने मृतकों के परिजनों का पता लगाने की कोशिश की। लाश पर लगे टैग की मदद से एक मृतक की पहचान चामराजपेट निवासी दुर्गा (उम्र 40 वर्ष) और दूसरे मृतक की पहचान मुनिराजू (उम्र 35 वर्ष) के पी अग्रहारा बेंगलुरु निवासी के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, जुलाई 2020 में दोनों मृतक कोरोना संक्रमित हुए थे, जिन्हें इलाज के लिए ईएसआई अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इस दौरान दोनों मरीजों की मौत हो गई थी।

बताया जा रहा है कि मृत दुर्गा के पति की मौत हो चुकी है और उनके परिवार ने कोरोना से मौत के बाद महिला को शव लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वहीं, मुनिराजू के परिजनों का अबतक पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने बताया कि मुनिराजू के परिवार के सदस्यों का पता लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

फ्रीजर में महीनों तक पड़े रहे शव

बता दें कि बेंगलुरु स्थित राजाजीनगर ईएसआई अस्पताल के पुराने मुर्दाघर में शवों को रखने के लिए छह कोल्ड स्टोरेज हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल के अधिकारियों को शवों को मुर्दाघर में रखने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसके चलते सरकार ने अस्पताल में एक नया मुर्दाघर बनवाया और दिसंबर 2020 में इसका उद्घाटन हुआ था। नए मुर्दाघर में काम शुरू होने के बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह दोनों शव फ्रीजर में पड़े रह गए। अब सफाई के दौरान कर्मचारियों को यह दोनों लाशें मिली हैं।

वहीं, अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों की इस लापरवाही सामने आने के बाद आम जनता में काफी आक्रोश है। लोगों ने अस्पताल द्वारा शवों को संभालने में इस तरह की लापरवाही की कड़ी निंदा भी की है। इधर, अंतिम संस्कार के लिए दोनों शव बीबीएमपी (BBMP) को सौंप दिए गए हैं। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत संक्रमित मरीजों के शव अंतिम संस्कार के लिए बीबीएमपी को सौंपे जाते हैं।

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