नशामुक्ति केंद्र में मरीज को चम्मच खाने पर किसने किया मजबूर, पेट से निकाली गयीं 5 दर्जन से अधिक चम्मचें

डाॅक्टर का कहना है, जब विजय से पूछताछ कि तो उसने बताया कि नशामुक्ति केंद्र वालों ने उसे जबरन यह चम्मच खिलाए, शख्स के परिवार ने एक साल पहले उसे नशामुक्ति केंद्र में इलाज के लिए भर्ती करवाया था...

Update: 2022-10-01 07:33 GMT

नशामुक्ति केंद्र में मरीज को चम्मच खाने पर किसने किया मजबूर, पेट से निकाली गयीं 5 दर्जन से अधिक चम्मचें

Mujaffarnagar news : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे। यहां डॉक्टर ने एक शख्स के पेट से पांच दर्जन से ज्यादा स्टील की चम्मचें निकाली हैं। बहुत से लोग इस घटना के बारे में जानकर हैरानी जता रहे हैं। लोग यही सोच रहे हैं कि आखिर नशामुक्ति केंद्र में इलाज के लिए गये शख्स के पेट में दर्जनों चम्मचें पहुंचीं तो कैसे?

हैरान डॉक्टर ने इस बारे में जब मरीज से पूछताछ कि तो उसने बताया कि नशामुक्ति केंद्र वालों ने उसे जबरन यह चम्मच खिलाए। शख्स के परिवार ने एक साल पहले उसे नशामुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया था। शख्स का नाम विजय कुमार, जो 32 साल का है और मुजफ्फरनगर का रहने वाला है।

चम्मच निकलने के बाद मरीज विजय ने बताया कि पिछले एक साल से नशामुक्ति केंद्र चलाने वालों ने उसे चम्मच खाने के लिए मजबूर किया। विजय का इलाज करने वाले डॉक्टर राकेश खुराना ने कहा कि हमने एक्स-रे में उसके पेट में कुछ धातु जैसी चीजें देखीं। ऐसे में जब हमने पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसे चम्मच निगलने के लिए मजबूर किया गया।

विजय का इलाज करने वाले डाॅक्टर राकेश खुराना के हवाले से मीडिया में आये बयान के मुताबिक यूपी स्थित मुजफ्फरनगर के 32 वर्षीय मरीज विजय के पेट से 62 चम्मच निकली हैं। हमने उससे पूछा कि क्या उसने उन चम्मचों को खा लिया और वह मान गया। करीब 2 घंटे तक उसका ऑपरेशन चला। रोगी पिछले एक साल से चम्मच खा रहा था।

उत्तरी मुजफ्फरनगर के इवान अस्पताल के डाॅ. राकेश खुराना बताते हैं पेपदर्द के बाद अस्पताल पहुंचे विजय की हालत बहुत खराब थी और वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। 

2 घंटे तक चला ऑपरेशन

विजय का ऑपरेशन दो घंटे तक चला, जिसमें डॉक्टर ने उसके पेट से 63 चम्मच निकालीं। अब वह आईसीयू में है। डॉक्टर ने कहा कि हमने अबतक पेट से कभी ऐसा कुछ नहीं निकाला था। बता दें, अबतक इस मामले में किसी के खिलाफ पुलिस कम्पलेंट नहीं हुई है। वहीं मरीज के एक फैमिली फ्रेंड ने कहा कि विजय एक बार आईसीयू से बाहर आ जाए। इसके बाद अगर उन्हें नशामुक्ति केंद्र के खिलाफ लगाए गए आरोप सही लगते हैं तो वह पुलिस से संपर्क करेंगे।

अमूमन देखा जाता है कि नशामुक्ति केंद्र हो या फिर बच्चा जेल दोनों ही जगह कुछ ऐसे असामाजिक तत्व होते हैं, जो भलाई की जगह बुराई अधिक फैलाते हैं। अब इसी मामले में मरीज विजय ने बताया कि उसे चम्मच खाने के लिए मजबूर किया गया। कोई चम्मच कैसे खायेगा। हो सकता है की उसकी पिटाई भी की गई हो। बहरहाल, वह आईसीयू में है। मामला पुलिस जांच का है। पुलिस को पड़ताल कर मरीज के आरोपों के आधार पर जांच करनी चाहिए। 

डॉक्टर के मुताबिक शुरू में लगा की मरीज के पेट में ट्यूमर है, लेकिन स्कैन की बारीकी से जांच करने पर उन्हें उसके पेट में चम्मचों का समूह दिखायी दिया।उन्होंने तुरंत एक लैपरोटॉमी किया, दो घंटे से अधिक समय तक चले आपरेशन के माध्यम से मरीज के पेट से सारी चम्मचें बाहर निकाली गयीं।  

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