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पैगंबर के अपमान पर बवाल : अरब देशों के सुपर मार्केट में भारतीय उत्पाद बैन, जानिए किन देशों में लगी पाबन्दी?

Janjwar Desk
7 Jun 2022 5:52 AM GMT
पैगंबर के अपमान पर बवाल : अरब देशों के सुपर मार्केट में भारतीय उत्पाद बैन, जानिए किन देशों ने लगाई पाबन्दी?
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पैगंबर के अपमान पर बवाल : अरब देशों के सुपर मार्केट में भारतीय उत्पाद बैन, जानिए किन देशों ने लगाई पाबन्दी?

Arab Supermarket Ban Indian Products: पैगम्बर मोहम्मद के ख़िलाफ़ BJP के दो नेताओं के विवादास्पद बयानों को लेकर खाड़ी देशों उबाल फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है।

Arab Supermarket Ban Indian Products: पैगम्बर मोहम्मद के ख़िलाफ़ BJP के दो नेताओं के विवादास्पद बयानों को लेकर खाड़ी देशों उबाल फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। कतर, बहरीन, कुवैत और ईरान के बाद अब सऊदी अरब और इंडोनेशिया ने भी इस मामले पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। इतना ही नहीं सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अन्य अरब देशों ने अपने सुपर स्टोर्स में इंडियन प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया है।

दरअसल, पैगंबर के खिलाफ बयानबाजी के कारण दुनियाभर के इस्लामिक देश आगबबूला हो गए हैं। पहले कतर, बहरीन, कुवैत और ईरान ने इसकी निंदा की थी। अब मामला मालदीव की संसद तक भी पहुंच गया है। मालदीव की संसद में एक आपातकालीन प्रस्ताव पेश किया गया। यह नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ पेश किया गया था। हालांकि, ये पास नहीं हो पाया। मालदीव में विपक्ष ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। विपक्ष का कहना है कि मामले में सरकार का चुप रहना निराशाजनक है। मालदीव की सरकार मामले में कुछ भी कहने से बच रही है।

अरब देशों में कई सुपरमार्केट में भारतीय प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया गया है। कुवैत सिटी के बाहर स्थित सुपरमार्केट में चावल की बोरियों, मसालों और मिर्च की अलमारियों को प्‍लास्टिक शीट्स से ढंक दिया गया है। अरबी भाषा में लिखे संदेश में पढ़ा जा सकता है, 'हमने भारतीय उत्‍पादों को हटा दिया है।' इस स्‍टोर के CEO नसीर अल मुताइरी ने न्‍यूज एजेंसी AFP से कहा, 'कुवैती मुस्लिम के तौर पर हम पैगंबर का अपमान सहन नहीं कर सकते।' उधर ईरान के अल अरदिया को-ऑपरेटिव सोसाइटी के स्‍टोर्स ने भारतीय चाय और अन्‍य उत्‍पादों को ट्रालियों में जमा कर दिया है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जिन देशों ने भारत सरकार के समक्ष अपनी बात रखी है, उनका ही जवाब दिया जा रहा है। कुछ देशों की तरफ से पार्टी विशेष का नाम लेकर उनकी प्रवक्ताओं की टिप्पणियों की ¨निंदा की है, इस बारे में विदेश मंत्रालय कुछ नहीं कर सकता। अच्छी बात यह है कि इस मामले में पार्टी विशेष ने जो फैसला किया है, उसका सभी ने स्वागत किया है। ओआइसी की टिप्पणी भारत के लिए कोई ज्यादा ¨चता की बात नहीं है क्योंकि यह संगठन पाकिस्तान के इशारे पर कई बार इस तरह का काम कर चुका है। यही वजह है कि हाल के महीनों में यह कभी कश्मीर पर तो कभी यासीन मलिक को सजा देने पर टिप्पणी करता रहा है जिसका भारत माकूल जवाब देता रहा है।

अरब देशों से जुड़ा है व्यपारिक हित

संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इराक, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन मुख्य तौर पर खाड़ी के देश जाने जाते हैं. इराक के छोड़कर छह देश गल्फ कॉपरेशन कांउसिल (GCC) के सदस्य हैं. 2021-22 का कुल व्यापार गल्फ कॉपरेशन कांउसिल (GCC) के सदस्य देशों के साथ 154.7 अरब डॉलर का रहा था. जो कोरोना पूर्व वर्ष 2019-20 से 28 फीसदी ज्यादा है. संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इराक भारत के टॉप पांच ट्रेडिंग पार्टनरों में शामिल है. भारत ने गल्फ कॉपरेशन कांउसिल (GCC) देशों को 43.9 अरब डॉलर का निर्यात किया था. वहीं इन देशों के साथ व्यापार घाटा करीब 66.8 अरब डॉलर का है. फरवरी 2022 में भारत और संयुक्त अरब अमीरत के साथ एफटीए ( Free Trade Agreement)पर हस्ताक्षर किया है. जिसमें 97 फीसदी भारतीय उत्पादों को वहां का बाजार उपलब्ध होगा. तो यूएई के 90 फीसदी उत्पादों को भारतीय बाजार अगले 10 वर्षों के उपलब्ध हो सकेगा. दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार संधि 1 मई 2022 से लागू हो चुका है.

अरबों डॉलर आता है भारत

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में कुल 34 लाख भारतीय रहते हैं जिनसे 13.8 अरब डॉलर रेमिटेंस ( Remittance) 2017 के डाटा के मुताबिक हासिल हुआ था. सऊदी अरब में 26 लाख भारतीय रहते हैं जिनसे 11.2 अरब डॉलर रेमिटेंस ( Remittance) आया था. कुवैत में रहने वाले 10 लाख भारतीयों से 4.6 अरब डॉलर, कतर में 7.46 लाख लोगों से 4.1 अरब डॉलर, ओमान में रहने वाले 7.81 लाख लोगों से 3.3 अरब डॉलर और बरीन में रहने वाले 3.26 लाख लोगों से 1.3 अरब डॉलर रेमिटेंस ( Remittance) भारत 2017 में आया था. इन खाड़ी के देशों में काम करने वाले भारतीय अपने वतन पैसे घरवालों को पैसे भेजते हैं जिसे इनवार्ड रेमिटेंस कहा जाता है.

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