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जनज्वार विशेष

भारत में भले ही होती रहें गाँधी को गुमनाम करने की कोशिशें, मगर अंतरराष्ट्रीय पटल पर उनका नाम मिटा पाना असंभव

Janjwar Desk
30 Jan 2024 8:55 AM GMT
नफरत और हिंसा के दौर में कितने प्रासंगिक रह गए हैं गांधी?
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नफरत और हिंसा के दौर में कितने प्रासंगिक रह गए हैं गांधी?

हमारे देश में मोदी और राम युग में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसके शुरुआती 10 आदर्श व्यक्तियों में महात्मा गाँधी का नाम शामिल होगा, पर अमेरिका में एक सर्वेक्षण के दौरान वहां के नागरिकों के अनुसार सामाजिक न्याय की वकालत करने वाले उनके आदर्शों के सन्दर्भ में महात्मा गाँधी दूसरे स्थान पर थे.....

महेंद्र पांडेय की टिप्पणी

Mahatma Gandhi, forgotten in India, is considered as Hero in the USA. महात्मा गाँधी को हम अपने देश में ही कितना भी गुमनाम करने का प्रयास करें पर सच तो यह है कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर उनका नाम मिटा पाना असंभव है। हमारे देश में मोदी और राम युग में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसके शुरुआती 10 आदर्श व्यक्तियों में महात्मा गाँधी का नाम शामिल होगा, पर अमेरिका में एक सर्वेक्षण के दौरान वहां के नागरिकों के अनुसार सामाजिक न्याय की वकालत करने वाले उनके आदर्शों के सन्दर्भ में महात्मा गाँधी दूसरे स्थान पर थे, जबकि यूनाइटेड किंगडम में वे पांचवें स्थान पर थे। अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में सामान्य आबादी किसे अपना आदर्श मानती है, इस सन्दर्भ में एक विस्तृत अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ़ एक्सेटर की वैज्ञानिक एकाटेरिना कोल्पिन्स्काया और यूनिवर्सिटी ऑफ़ एबरडीन की वैज्ञानिक नतालिया दनिलोवा ने किया है और अध्ययन को इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ पॉलिटिक्स, कल्चर एंड सोसाइटी में प्रकाशित किया है।

हम भारतीयों को अपनी पारिवारिक परंपरा का केवल गुमान ही नहीं होता बल्कि हमें यही बताया जाता है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों में पारिवारिक मूल्य होते ही नहीं हैं। इस धारणा के ठीक विपरीत इस अध्ययन के दौरान अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम, दोनों देशों में जनता के आदर्शों में पहले स्थान पर पारिवारिक सदस्य या पारिवारिक मित्र रहे। दोनों देशों में इस श्रेणी में सबसे आगे माता और पिता रहे। दोनों देशों में तीसरे स्थान पर राजनेता, पांचवें स्थान पर सैन्य अधिकारी या सेना/पुलिस और छठे स्थान पर मानवाधिकार/सामाजिक न्याय कार्यकर्ता रहे। यूनाइटेड किंगडम में मानवाधिकार/सामाजिक न्याय कार्यकर्ता की श्रेणी में पहले तीन नाम – नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग जूनियर और मलाला यौसफ्जई के है, जबकि अमेरिका में पहले तीन स्थानों पर मार्टिन लूथर किंग जूनियर, महात्मा गाँधी और मालकौम एक्स के हैं।

समाज के आदर्शों के सन्दर्भ में कलाकार/अभिनेता यूनाइटेड किंगडम में दूसरे और अमेरिका में चौथे स्थान पर रहे। इस अध्ययन के अनुसार अपने आदर्शों या अपने नायक के चयन में खेलों से जुडी हस्तियाँ यूनाइटेड किंगडम में चौथे और अमेरिका में आठवें स्थान पर हैं। दोनों देशों में पहले तीन नामों में मुक्केबाजी के दिग्गज मोहम्मद अली का नाम शानिल है। विज्ञानों का स्थान यूनाइटेड किंगडम में सातवें स्थान पर जबकि अमेरिका में नौवें स्थान पर हैं। सबसे बड़ा अंतर धार्मिक व्यक्तियों में है – यूनाइटेड किंगडम में धार्मिक या धर्म से जुडी हस्तियाँ आदर्श के सन्दर्भ में आठवें स्थान पर जबकि अमेरिका में दूसरे स्थान पर हैं। इससे इतना तो स्पष्ट है कि अमेरिका की तुलना में यूनाइटेड किंगडम अधिक धर्म-निरपेक्ष है। अनेक दूसरे अध्ययनों से भी यह स्पष्ट है कि बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में धर्म को बड़ा मुद्दा बनाने वाला देश अमेरिका ही है। लेखकों का स्थान यूनाइटेड किंगडम में नौवां और अमेरिका में 13वां है।

इन दोनों देशों में किये गए अध्ययन से स्पष्ट होता है कि जब भी को आदर्श या अपना हीरो तलाशना होता है तब वे अश्वेतों और महिलाओं को भूलकर एक श्वेत पुरुष का नाम लेते हैं। यूनाइटेड किंगडम में सर्वेक्षण के दौरान केवल 15 प्रतिशत नाम अश्वेतों के थे, जिनमें से 90 प्रतिशत नाम ब्रिटेन के बाहर से थे। अमेरिका में हाल के वर्षों में अश्वेतों के प्रति आम जनता का व्यवहार बदल रहा है – वहां 33 प्रतिशत नाम अश्वेतों के थे। सर्वेक्षण के दौरान यूनाइटेड किंगडम में महज 25 प्रतिशत और अमेरिका में आदर्श के तौर पर 20 प्रतिशत लोगों ने महिलाओं का नाम लिया – इनमें भी अधिकतर लोगों ने माँ को ही आदर्श माना है। महिलाओं की तुलना में महज 25 प्रतिशत पुरुषो ने किसी महिला को आदर्श के तौर पर स्वीकार किया है। यूनाइटेड किंगडम में कंजर्वेटिव पार्टी की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर के योगदान को आज भी याद किया जाता है, शायद इसी कारण इस दल से जुड़े सर्वेक्षण में शरीक 27 प्रतिशत लोगों ने आदर्श के तौर पर मार्गरेट थैचर या किसी अन्य महिला का नाम लिया। अमेरिका में महज 13 प्रतिशत रिपब्लिकन और 25 प्रतिशत डेमोक्रेट्स ने किसी महिला को अपना आदर्श माना।

सन्दर्भ

Kolpinskaya,E., Danilova,N., Heroes as Harbingers of Social Change: Gender, Race and Hero Choice in the USA and Britain, International Journal of Politics, Culture & Society (2024) - https://doi.org/10.1007/s10767-023-09465-y.

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