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मॉस्को में विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले LAC पर हुई थी भारत-चीन के बीच भारी गोलाबारी

Janjwar Desk
16 Sep 2020 6:51 AM GMT
मॉस्को में विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले LAC पर हुई थी भारत-चीन के बीच भारी गोलाबारी
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इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच 100-200 राउंड गोलियां चलाई गईं। एक अधिकारी ने बताया कि फायरिंग की घटनाएं उस दौरान हुईं, जब दोनों देशों की सेनाएं फिंगर इलाके में पकड़ मजबूत करने के लिए गश्त कर रही थीं। अब तक इस घटना के बारे में न तो चीन और न ही भारत की तरफ से कोई आधिकारिक बयान दिया गया है।

जनज्वार। भारत-चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( Line of Actual Control in Ladakh) पर जारी तनाव को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। रूस के मॉस्को में 10 सितंबर को भारतीय और चीनी विदेश मंत्री की बैठक से ठीक पहले पैंगोंग सो के उत्तरी किनारे के नजदीक फिंगर एरिया में दोनों देशों के बीच भारी गोलाबारी हुई थी।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच 100-200 राउंड गोलियां चलाई गईं। एक अधिकारी ने बताया कि फायरिंग की घटनाएं उस दौरान हुईं, जब दोनों देशों की सेनाएं फिंगर इलाके में पकड़ मजबूत करने के लिए गश्त कर रही थीं। अब तक इस घटना के बारे में न तो चीन और न ही भारत की तरफ से कोई आधिकारिक बयान दिया गया है।

भारतीय सेना ने इस बारे में अपने एक बयान में कहा था, सात सितंबर, सोमवार को चीनी सेना (पीएलए) के सैनिक एलएसी पर भारत के एक पोज़िशन की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, और जब हमारे सैनिकों ने उन्हें भगाया तो उन्होंने हवा में कई राउंड फ़ायर कर हमारे सैनिकों को डराने की कोशिश की।

वहीं चीन ने दावा किया था कि सोमवार को एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से वास्तविक सीमा रेखा को पार किया और चीनी सीमा पर तैनात सैनिकों पर वॉर्निंग शॉट्स फ़ायर किए। रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि भारत और चीनी सेना के बीच एलएसी पर एक महीने में तीन बार फायरिंग की घटना हो चुकी है।

अफसर ने बताया कि 29-30 अगस्त को एलएसी पर ऊंची चोटियों पर कब्जा करने के बाद भारत फायदे वाली स्थिति में आ गया था। हालांकि, चीनी सेना लगातार भारतीय सेना को पीछे हटाने की कोशिश में जुटी है। सितंबर की शुरुआत में भारतीय सेना पैंगोंग सो के उत्तरी किनारे पर अपनी पोजिशन बदल रही थी (चीनी सेना यहीं पर फिंगर-4 इलाके में मौजूद है)। इसी दौरान दोनों के बीच फायरिंग की घटना हुई। इस जगह पर दोनों सेनाएं महज 500 मीटर की दूरी पर मौजूद हैं।

हालांकि पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर 100-200 राउंड हुई फ़ायरिंग के बारे में दोनों देशों ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है, जबकि यह फ़ायरिंग चुशुल सब सेक्टर पर हुई फ़ायरिंग से कहीं ज़्यादा गंभीर थी। हालांकि, मॉस्को में भारत-चीन के विदेश मंत्रियों और बाद में रक्षा मंत्रियों की बातचीत के बाद हालात कुछ काबू में होने की बात कही जा रही है।

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