Chandauli News : अजय प्रजापति हत्याकांड को लेकर गरमाई सूबे की राजनीति, पीड़ितों से मिला सपा-माले और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल
Chandauli News : उत्तर प्रदेश के चंदौली में करजरा गांव निवासी अजय प्रसाद प्रजापति की हत्या को लेकर सूबे की राजनीति गरम है। सपा, भाकपा (माले) और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी रिपोर्ट पार्टी प्रमुखों को भेज चुका है। सूत्रों की मानें तो अजय प्रजापित हत्याकांड समेत सूबे में दबंगों द्वारा शोषित और वंचित समुदाय के लोगों की लगातार हो रही हत्याओं को लेकर ये राजनीतिक पार्टियां जल्द ही सड़कों पर उतरेंगी। वहीं बसपा के वाराणसी कोऑर्डिनेटर और चंदौली लोकसभा सीट के पूर्व प्रत्याशी सत्येंद्र मौर्य ने भी शुक्रवार 12 जुलाई को पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सूबे में जंगलराज कायम होने की बात कही।
कुम्हारों की गोलबंदी की राजनीति पर केंद्रित भागीदारी पार्टी (पी) और जन भागीदारी पार्टी ने सैकड़ों की संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर अजय प्रजापति हत्याकांड के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की थी। साथ ही चेतावनी दी कि अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलेता तो वे बड़ा आंदोलन करेंगी।
शनिवार 13 जुलाई को उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह की अगुआई में प्रदेश कांग्रेस का 13 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने करजरा गांव पहुंचा। उन्होंने मृतक के बड़े भाई शम्भू नाथ प्रजापति समेत पीड़ित परिवार और ग्रामीणों से घटना के बारे में जानकारी ली। प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में राघवेंद्र प्रताप सिंह के अलावा प्रदेश कांग्रेस महासचिव सरिता पटेल, देवेंद्र प्रताप सिंह, सचिव जितेंद्र पासवान, राहुल राय प्रजापति, प्रवक्ता राहुल राजभर, जिलाध्यक्ष धर्मेद्र तिवारी, मुगलसराय शहर अध्यक्ष रामजी गुप्ता, प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के महासचिव अनिल यादव, सचिव संतोष प्रजापति, बृजेश प्रजापति, राधेश्याम यादव और जिलाध्यक्ष विश्वजीत सेठ शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राज को सौंपेगी।
शुक्रवार 12 जुलाई को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर क्षेत्रीय सांसद विरेंद्र सिंह की अगुआई में सपा का एक प्रतिनिधिमंडल करजरा जाकर पीड़ित परिवार से मिला और उनसे घटना की जानकारी ली। इस दौरान विरेंद्र सिंह ने अपनी ओर से 50 हजार का चैक मृतक की पत्नी को सौंपकर पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता की।
विरेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि प्रतिनिधिमंडल जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपेगा। प्रतिनिधिमंडल में सकलडीहा के विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव, जिलाध्यक्ष सत्यानारायण राजभर, पूर्व विधायक मनोज सिंह 'डब्लू', प्रवक्ता मनोज सिंह 'काका', प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मुसाफिर सिंह चौहान, जिला महासचिव नफीस अहमद, जिला सचिव संदीप प्रजापति, सपा (पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ) के जिलाध्यक्ष डॉ. विरेंद्र बिंद और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ट उत्तर प्रदेश के सदस्य बचाऊ प्रजापति शामिल थे।
गौरतलब है कि सपा प्रवक्ता मनोज सिंह 'काका' ने अपने 'एक्स' एकाउंट पर पर अजय प्रसाद प्रजापति की हत्या का मामला प्रमुखता से उठाया था और दबंग अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। मृतक के अंतिम संस्कार के समय सपा के पूर्व विधायक मनोज सिंह 'डब्लू' खुद मौके पर मौजूद थे।
चंदौली लोकसभा से बसपा के पूर्व उम्मीदवार सत्येंद्र मौर्य भी शुक्रवार 12 जुलाई को पीड़ित परिवार से मिलने करजरा पहुंचे थे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा- 'प्रदेश में जंगलराज कायम है। ये सरकार पक्षपात कर रही है। विशेष जाति के लोगों का काम हो रहा है। बाकी लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।'
उन्होंने मृतक की पत्नी को उचित सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की। साथ ही उन्होंने मामले में फरार आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग भी रखी। राष्ट्रीय समता पार्टी (बीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन राजकुमार भी पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने पीड़ितों की आर्थिक मदद उपलब्ध कराने और फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आंदोलन करने का आश्वासन दिया।
भाकपा-माले के जिला सचिव अनिल पासवान के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल बृहस्पतिवार 11 जुलाई को पीड़ित परिवार से मिलने और घटना की जांच करने करजरा पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार 12 जुलाई को पुलिस अधीक्षक से मिलकर पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने और फरार आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। अनिल पासवान ने मीडिया से बात करते हुए मृतक के नाम से दर्ज भूमि का सीमांकन करने और पीड़ित परिवार को किसान दुर्घटना बीमा योजना का लाभ देने की मांग की।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल भाकपा(माले)राज्य कमेटी सदस्य कामरेड शशिकांत सिंह ने कहा कि करजरा की घटना सामंती विचारधारा के दबंगों के बढ़े हुए मनोबल का प्रमाण है। इस घटना के बाद पूरे इलाके का गरीब समाज दहशत में है। प्रशासन पीड़ित परिवार को न्याय नहीं दिलाता है तो भाकपा(माले) आंदोलन के लिए बाध्य होगी। प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष श्रवन मौर्य, अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव किस्मत यादव, अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष रामदुलार बिंद, भाकपा(माले,) जिला कमेटी के सदस्य चंद्रिका यादव, माले नेता मेहंदी हसन शामिल थे।
गौरतलब है कि गत 6 जुलाई की सुबह अजय प्रसाद प्रजापति अपनी निजी भूमि पर चहारदीवारी की निर्माण करा रहे थे। आरोपों के मुताबिक उसी समय गांव के नरेंद्र सिंह और उनके दो बेटे आशीष सिंह और अभिषेक सिंह ने उनके पास पहुंचे और उनकी निजी भूमि पर रास्ता छोड़ने की मांग करने लगे। उन्होंने मना किया तो वे उन्हें गाली-गलौज करते हुए मारने-पीटने लगे। इस दौरान अभिषेक सिंह ने फावड़े से उनके सिर पर प्रहार कर दिया जिससे वे मौके पर ही गिर पड़े। उनके सिर से भारी मात्रा में खून बहने लगा और वे बेहोश हो गए। परिजनों ने गंभीर रूप से घायल अजय प्रसाद को इलाज के लिए बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां रविवार की सुबह उनकी मौत हो गई।
इस मामले में धीना थाना पुलिस ने अजय प्रसाद के भतीजे आदर्श की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा-109, 110, 115(2), 351 (2) और 352 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में मृतक के भाई शम्भू नाथ की लिखित सूचना के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता की धारा-103(1) बढ़ाई थी।
अजय प्रसाद प्रजापति की हत्या की सूचना सामने आते ही कुम्हारों की गोलबंदी की राजनीति पर केंद्रित जन भागीदारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र कुमार प्रजापति और भागीदारी पार्टी (पी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कुम्हारों ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर हत्यारों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी। साथ ही जिला प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो एक सप्ताह बाद वे हजारों की संख्या में आंदोलन करेंगे। धीना थाना पुलिस ने बुधवार 10 जुलाई को मामले में मुख्य आरोपी नरेंद्र सिंह और उसके बेटे अभिषेक सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और जेल भेज दिया। मामले में नामजद आरोपी आशीष सिंह उर्फ विनायक अभी भी फरार है।