उत्तराखण्ड में वनाग्नि से 10 लोगों की मौत, दर्जनों के घायल होने और 1700 हैक्टेयर जंगल नष्ट होने के लिए धामी सरकार जिम्मेदार
Uttarakhand fire : उत्तराखंड में वनों में आग लगने के कारण 10 लोगों की मृत्यु, दर्जनों लोगों के घायल होने व 17 सौ हैक्टेयर से अधिक जंगल नष्ट होने के लिए समाजवादी लोक मंच ने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदर्शन किया।
मंच ने रामनगर स्थित लखनपुर चौक पर धरना प्रदर्शन कर उत्तराखंड में वनाग्नि से मृतक के परिजनों को 50 लाख, घायल को 25 लाख मुआवजा व आश्रितों को नियमित नौकरी, फायर वाचर को अग्निशमन यंत्र, फायर प्रूफ वर्दी उपलब्ध कराने, फायर वाचर को नियमित नौकरी की गारंटी, वनों में आग के लिए वन मंत्री व वन अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित किए जाने व जनता पर आग लगाने के फर्जी मुकदमे लगाना बंद किए जाने, वनों पर जनता के हक-हकूक एवं मालिकाना हक बहाल किए जाने व योजनाबद्ध तरीके से चीड़ को हटाकर चौड़ी पत्ती के वृक्षों को लगाए जाने की मांग की।
धरनास्थल पर सभा को सम्बोधित करते हुए मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भारत सरकार की वन एवं पर्यावरण नीति का परिणाम है। यहां पर लोग जंगल की आग और आदमखोर बाघ के हमले में मारे रहे हैं, परंतु सरकार चैन की नींद सो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि वनों में लगी आग बुझाने के लिए वनकर्मियों व फायर वाचर को अग्निशमन यंत्र और फायर प्रूफ वर्दी उपलब्ध कराई होती तो उन्हें आग में झुलसने से बचाया जा सकता था।
महिला एकता मंच की ललिता रावत ने कहा कि समूचे उत्तराखंड की जनता दुख की इस घड़ी में विनसर क्षेत्र की जनता के साथ है। सरकार एवं वन प्रशासन अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए वनों में लगी आग के लिए ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा कायम कर रहा है, जिसका राज्य की जनता पुरजोर विरोध करेगी।
जमनराम आर्य ने सभा का संचालन करते हुए कहा कि उत्तराखंड में राजनेताओं और अफसरशाही का गठजोड़ हो चुका है। ये दोनों मिलकर उत्तराखंड को बरवाद कर रहे हैं।
सभा को एडवोकेट ललित मोहन, व्यापार मंडल के संयोजक मनमोहन अग्रवाल, संघर्ष समिति के महेश जोशी, उपपा नेता मौ आसिफ,किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती, कौशल्या चुनियाल, सरस्वती जोशी ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में मुकेश जोशी, भूपेन्द्र सिंह, माया नेगी, रश्मि, गुड्डी देवी, कमलेश, यशोदा, गीता, बीना, मुन्नी, नीरु रस्तोगी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।