Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Kanpur News : ईद खत्म होते ही मदरसे पर चला बुल्डोजर, सरकारी जमीन पर इमारत बनाने का आरोप

Janjwar Desk
5 May 2022 3:17 PM IST
Kanpur News : ईद खत्म होते ही मदरसे पर चला बुल्डोजर, सरकारी जमीन पर इमारत बनाने का आरोप
x

Kanpur News : ईद खत्म होते ही मदरसे पर चला बुल्डोजर, सरकारी जमीन पर इमारत बनाने का आरोप

Kanpur News : अधिकारियों के मुताबिक मदरसे को अपनी 14 बिस्वा भूमि आवंटित की गई थी लेकिन मदरसे की इमारत 4 बीघा में फैली थी, पांच बीघा और छह बिस्वा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण कराया गया था....

Kanpur News : उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur News) के घाटमपुर (Ghatampur Madarasa) स्थित एक इस्लामिया मदरसे (इस्लामिक माध्यमिक विद्यालय) को स्थानीय नगरपालिका के अधिकारियों ने बुल्डोजर (Bulldozer Action) चलाकर जमींदोज कर दिया। ईद-उल-फितर (Eid-Ul-Fitr) के एक दिन बाद यह कार्रवाई की गई है। नगरपालिका के अधिकारियों का आरोप है कि इमारत का निर्माण आंशिक रूप से सरकारी जमीन पर किया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक मदरसे को अपनी 14 बिस्वा भूमि आवंटित की गई थी लेकिन मदरसे की इमारत 4 बीघा में फैली थी। पांच बीघा और छह बिस्वा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण कराया गया था जिसका इस्तेमाल एक खलिहान, तालाब और तालाब के गड्ढे के लिए किया जाता था।

सोशल मीडिया पर इसका वीडियो साझा किया जा रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि बिना पूर्व सूचना के ही मदरसे (Kanpur News) को तोड़ दिया गया। छात्रों को कुरान और अध्ययन पुस्तकों की प्रतियां बचाते हुए देखा जा सकता है। कैप्शन में लिखा है, मदरसा के छात्र को कुरान और अन्य पवित्र पुस्तकों को निकालने का भी मौका नहीं दिया गया।

वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कानपुर (Kanpur News) आउटर पुलिस ने कहा कि इस्लामिया माध्यमिक विद्यालय को 'पूरी तरह से शांतिपूर्ण प्रक्रिया' से तोड़ा गया। वहीं घाटमपुर एसडीएम आयुष चौधरी ने कहा कि किसी की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंची और किसी भी पवित्र ग्रंथ को अपवित्र नहीं किया गया। पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नगरपालिका पिछले डेढ़ साल से अवैध निर्माण गिराने की योजना बना रही थी लेकिन पहले संसाधन नहीं मिलने और फिर चुनाव के कारण काम टलता रहा। जानकारी के मुताबिक साल 1994 में मदरसा संचालकों ने राजस्व रेकॉर्ड में हेराफेरी कर सरकारी जमीन अपने नाम करवाई थी जिसके बाद मुकदमा चला। साल 2020 में सरकार द्वारा विवादित भूमि का पुन: दावा किया। तभी से मदरसे को गिराने की कोशिश चल रही थी।

(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू-ब-रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है।

लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है। सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध