Vodafone Idea News : 'मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण' कर रही मोदी सरकार
Vodafone Idea News : देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) का शेयर आज बीएसई (Bombay Stock Exchange) पर शुरुआती कारोबार में 17 फीसदी गिर गया। कंपनी के बोर्ड का कहना है कि सरकार की देनदारी के ब्याज को इक्विटी में बदला जाएगा। इसमें स्पेक्ट्रम नीलामी की किस्तों और एजीआर का ब्याज शामिल है। इससे कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 35.8 प्रतिशत हो जाएगी और वह कंपनी में सबसे बड़ी शेयर होल्डर बन जाएगी।
वोडाफोन आइडिया ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि कंपनी में सरकारी (Govt) हिस्सेदारी 35.8 प्रतिशत होगी। प्रमोटर वोडाफोन ग्रुप की हिस्सेदारी करीब 28.5 प्रतिशत और आदित्य बिड़ला ग्रुप की 17.8 प्रतिशत होगी।
इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। बीएसई पर सुबह 11 बजे यह 12.46 फीसदी की गिरावट के साथ 13 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। एनएसई पर कंपनी का शेयर 12.65 रुपये तक गिर गया जबकि पिछले सत्र में यह 14.85 रुपये पर बंद हुआ था।
कंपनी का कहना है कि उस पर सरकार की देनदारी का ब्याज 16000 करोड़ रुपये हो सकता है। सरकार को 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर इक्विटी शेयर किए जाएंगे। कर्ज में डूबी इस कंपनी को सरकार ने टेलिकॉम रिफॉर्म्स पैकेज के जरिए कई विकल्प दिए थे। इसमें चार साल तक स्पेक्ट्रम की नीलामी की किस्तों और एजीआर बकाये के भुगतान पर राहत शामिल थी।
वोडाफोन आइडिया के बोर्ड की सोमवार को बैठक हुई जिसमें स्पेक्ट्रम नीलामी की किस्तों और एजीआर के ब्याज को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। कंपनी पर 58254 करोड़ रुपये का बकाया था जिसमें वह 7854 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। रिलायंस जियो ने साल 2016 में देश के टेलिकॉम सेक्टर में प्राइस वॉर शुरु की थी जिससे वोडाफोन को नुकसान हुआ।
सरकार एक तरफ घाटे में चल रही प्राइवेट कंपनी वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी खरीद रही है, यानि एक तरह से उसे सरकारी कर रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार को मुनाफा देने वाली बीएसएनल का निजीकरण कर रही है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है।
युवा हल्ला बोल के प्रमुख अनुपम ने एक ट्वीट में कहा- BSNL को बेचने वाली सरकार अब घाटे में चल रही Vodafone Idea को खरीद रही है! हम पहले दिन से कह रहे हैं कि 'निजीकरण' बोलना बंद करिए। मोदी सरकार 'मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण' कर रही है। इसी कारण महँगाई बढ़ रही और नौकरियां कम हो रही हैं। इसके लिए सही शब्द है 'मोडानीकरण'।
BSNL को बेचने वाली सरकार अब घाटे में चल रही Vodafone Idea को खरीद रही है!
— Anupam | अनुपम (@AnupamConnects) January 11, 2022
हम पहले दिन से कह रहे हैं कि 'निजीकरण' बोलना बंद करिए। मोदी सरकार 'मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण' कर रही है। इसी कारण महँगाई बढ़ रही और नौकरियां कम हो रही हैं।
इसके लिए सही शब्द है 'मोडानीकरण' pic.twitter.com/GHpnPnJrBT