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1.37 करोड़ के इनामी टॉप नक्सली नेता रमन्ना की हार्ट अटैक से मौत
छत्तीसगढ़ पुलिस प्रमुख डीएम अवस्थी की बात को सही मानें तो कुछ दिनों पहले ही रमन्ना की हार्ट अटैक से मौत हुई थी और दक्षिण बस्तर के बीजापुर में रमन्ना का अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिम संस्कार में रमन्ना के करीबी लोग शामिल हुए थे...
जनज्वार। नक्सलवादी प्रभाव वाले राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और तेलंगाना में रमन्ना का नाम शासन—प्रशासन और आमजन के बीच भी किसी पहचान का मोहताज नहीं था। रमन्ना पर पुलिस प्रशासन ने मोस्ट वांटेड नक्सली के तौर पर 1.37 करोड़ रुपये का इनाम रखा था। अब करोड़ों के इनामी नक्सली नेता की हार्ट अटैक से मौत की सूचना सामने आयी है।
सीपीआई माओवादी की तरफ से गुरुवार 12 दिसंबर को मीडिया के लिए जारी एक ऑडियो संदेश में रमन्ना के मौत की पुष्टि की गयी है। ऑडियो संदेश में कहा गया है कि हमारे केंद्रीय समिति के सदस्य रमन्ना की मौत 7 दिसंबर को रात 10 बजे छत्तीसगढ़ स्थित बस्तर के जंगल में "गंभीर स्वास्थ्य बीमारी" के कारण हुई है।
रेवुला श्रीनिवास ऊर्फ रमन्ना को वर्ष 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 75 सीआरपीएफ जवानों की मौत और झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं पर हुए भीषण हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
रमन्ना की हार्ट अटैक से मौत की सूचना छत्तीसगढ़ के पुलिस प्रमुख डीएम अवस्थी ने गुरुवार 12 दिसंबर को खुद साझा की। रमन्ना सीपीआई माओवादी की सेंट्रल कमिटी सदस्य और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमिटी सचिव थे। छत्तीसगढ़ पुलिस प्रमुख डीएम अवस्थी की बात को सही मानें तो कुछ दिनों पहले ही रमन्ना की हार्ट अटैक से मौत हुई थी और दक्षिण बस्तर के बीजापुर में रमन्ना का अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिम संस्कार में रमन्ना के करीबी लोग शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि नक्सली नेता रमन्ना को 120 से अधिक जवानों की हत्या में सीधे तौर पर आरोपी माना जाता है। 37 सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय रमन्ना के पास नक्सली संगठन के सबसे महत्वपूर्ण सेंट्रल कमिटी मेंबर की जिम्मेदारी थी। रमन्ना के पास दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमिटी का प्रभार भी था। यानी कि बस्तर में नक्सली संगठन का सबसे बड़ा नाम रमन्ना ही था।
जानकारी के मुताबिक 7 दिसंबर को रमन्ना की मौत हार्ट अटैक से हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ही छत्तीसगढ़ के बीजापुर में अंतिम संस्कार किया गया। रमन्ना पर छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने कुल 1 करोड़ 37 लाख का इनाम रखा था। रमन्ना के खिलाफ पुलिस में कुल 32 अपराध दर्ज थे, जिसमें 2010 में ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या और 2014 में कसालपाड में 14 जवानों की हत्या जैसे मामले भी शामिल हैं।
तेलंगाना के वारंगल मूल के रमन्ना उर्फ रेवुला श्रीनिवास 1982 में नक्सल संगठन में शामिल हुए थे और ज्यादातर वक्त बस्तर में बिताया था। पिछले 3 दशक से रमन्ना को पुलिस प्रशासन ने नक्सल आतंक का पर्याय ठहराते हुए करोड़ों का इनाम घोषित किया हुआ था।