जिओ डीटीएच का होगा बाजार पर राज, लाखों केबल ऑपरेटर बेरोजगार
स्टार इंडिया के सभी चैनल देखने के लिए हर महीने चुकाने होंगे 646 रुपए तो अम्बानी के वॉयकॉम-18 के 32 चैनलों के लिए 301 रुपया, करीब 6 से 8 लाख केबल व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी हो जाएंगे बेरोजगार....
स्वतंत्र टिप्पणीकार गिरीश मालवीय
देशभर में करीब 80 हजार के लगभग केबल ऑपरेटर होंगे और तकरीबन 6 से 8 लाख इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी होंगे, जो जनवरी 2019 से एक झटके में बेरोजगार हो जाएं। लेकिन किसी को उनकी फिक्र नहीं है।
अच्छा उनकी भी बात छोड़िए, लोगों को तो अभी तक इस बात का होश ही नहीं है कि अब जो चैनल वो फ्री में ही या बेहद न्यूनतम मूल्य में देख रहे थे, उनकी कीमत बेतहाशा बढ़ने वाली है।
29 दिसम्बर के बाद फ्री टू एयर चैनल में जहां पहले कोई शुल्क नहीं लगता था, वहीं अब 154 रुपए चुकाने पड़ेंगे। इसके अलावा सभी चैनलों के अलग-अलग रेट भी तय कर दिए गए है वो भी कितना? सिर्फ आपको स्टार इंडिया का ही उदाहरण बताता हूँ। स्टार इंडिया के कुल 51 पे चैनल्स हैं। इसमें 23 चैनल 19 रुपए की एमआरपी वाले हैं। पांच चैनल 1 रुपए की कीमत वाले हैं। यदि आप इसका पूरा पैकेज लेते हैं तो मंथली इसके लिए 646 रुपए चुकाना होंगे, गौर कीजिए सिर्फ स्टार इंडिया के ही 646 रुपए।
अम्बानी के वॉयकॉम-18 के टोटल 32 पे चैनल्स हैं। इनकी एवरेज कॉस्ट 7.80 रुपए है। 32 चैनल्स की टोटल कॉस्ट 250 रुपए प्रतिमाह पड़ेगी। सोनी के 25 पे चैनल्स हैं। एवरेज प्राइस 12 रुपए प्रतिमाह है। सभी चैनल्स को मिलाकर मंथली पैक 301 रुपए के करीब पड़ेगा।
इस तरह से 42 ब्रॉडकास्टर्स के कुल 332 चैनलों का इनडिविजुअली प्राइस भी बताया है।
अभी भी बहुत से घरों में इन सब चैनलों को 250 से 350 रुपए में आसानी से देखा जा रहा है, जिसे अब आप भूल ही जाइए। और एक बड़ी कमाल की बात और हुई है, अब आपको इन चैनलों को देखने का खर्च पहले चुकाना होगा बाद में सर्विस दी जाएगी।
यानी केबल नेटवर्क भी अब प्रीपेड माेबाइल सिम की तरह एडवांस रुपए जमा करवाने पर ही चलेगा। अभी तक केबल ऑपरेटर उपभोक्ताओं से केबल का किराया महीने के बाद या अपनी सुविधा के अनुसार लेते आए थे, लेकिन नए कानून के पास हो जाने के बाद उपभोक्ताओं को पहले पैसा जमा करना होगा, उसके बाद वे केबल टीवी का उपयोग कर पाएंगे। यानी बिलकुल डीटीएच जैसा।
खास बात यह है कि केबल ऑपरेटर्स और डटीएच कंपनियों को अब एक समान ही पैक उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने होंगे।
केबल ऑपरेटर व्यवसाय अब इतिहास की बात होने जा रहा है, जिओ डीटीएच को मार्केट में स्टेबलिश करने की कीमत लाखों लोग बेरोजगार होकर चुकाने को तैयार हैं।