मुंबई। मोदी सरकार ने एक कड़ा फैसला लेते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) से पहलाज निहलानी को हटा दिया गया है। उनकी जगत प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को सीबीएफसी की कमान सौंपी गई है।
उत्तराखंड मूल के प्रसून हिन्दी के ख्यात कवि, लेखक, पटकथा लेखक और भारतीय सिनेमा के प्रमुख गीतकारों में शुमार हैं। विज्ञापन की दुनिया पर भी प्रसून राज करते हैं। अंतरराष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी 'मैकऐन इरिक्सन' में कार्यकारी अध्यक्ष रहे प्रसून ‘तारे ज़मीन पर’ के गाने ‘मां...’ के लिए 'राष्ट्रीय पुरस्कार' से नवाजे जा चुके हैं।
गौरतलब है कि सीबीएफसी प्रमुख के बतौर पहलाज निहलानी का कार्यकाल और विवादों का चोली—दामन का साथ रहा है। हालिया विवाद हिंदी फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को लेकर हुआ था। निहलानी ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि यह फिल्म औरतों की जिंदगी के इर्द—गिर्द चक्कर काटती है। काफी विवादों के बाद फिल्म को सर्टिफिकेट मिला। फिल्मकार ने प्रहलाद निहलानी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां फिल्मकार की जीत हुई।
ऐसा ही कुछ उन्होंने नशे को लेकर बनी फिल्म 'उड़ता पंजाब'को लेकर किया था। निहलानी ने उड़ता पंजाब को सेंसरशिप के दायरे में ला दिया था और उसके सैकड़ों सीन काटे थे, इस मामले में भी फिल्मकार ने कोर्ट का दरवाजा ही खटखटाया था और निहलानी को हार का मुंह देखना पड़ा था।
इतना ही नहीं बच्चों के लिए बनी फ़िल्म 'द जंगल बुक' की उन्होंने U/A सर्टिफिकेट दिया था, जिसके लिए उन्हें इंडस्ट्री समेत बाहर भी काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
लगातार विवादित छवि के कारण सरकार को निहलानी के खिलाफ यह कड़ा कदम उठाना पड़ा है। फिल्म इंडस्ट्री में सरकार के इस कदम की काफी सराहना हो रही है कि उसने बतौर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन अध्यक्ष प्रसून का चुनाव कर काफी राहत देने का काम किया है।