Begin typing your search above and press return to search.
विमर्श

दुनियाभर में बढ़ रहा अक्षय ऊर्जा का उपयोग, पर नहीं रुक रहा जलवायु परिवर्तन

Prema Negi
5 Aug 2019 11:17 AM GMT
दुनियाभर में बढ़ रहा अक्षय ऊर्जा का उपयोग, पर नहीं रुक रहा जलवायु परिवर्तन
x

file photo

अक्षय ऊर्जा का उपयोग बिजली बनाने में तो लगातार बढ़ता जा रहा है, पर वातानुकूलन और परिवहन में ऐसी तेजी नजर नहीं आ रही...

महेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट

रीन्यूएबल एनर्जी नेटवर्क 21 और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की रिपोर्ट, रीन्यूएबल्स 2019, के अनुसार दुनिया में अक्षय ऊर्जा का उपयोग बढ़ रहा है, पर इससे तापमान वृद्धि और जलवायु परिवर्तन रुक नहीं रहा है। अक्षय ऊर्जा का उपयोग बिजली बनाने में तो लगातार बढ़ता जा रहा है, पर वातानुकूलन और परिवहन में ऐसी तेजी नजर नहीं आ रही है।

र्ष 2018 के अंत तक दुनिया में 2378 गीगावाट बिजली अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से पैदा की जा रही है, अकेले 2018 में इसमें 181 गीगावाट की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है की वर्ष 2017 में भी लगभग इतनी ही बढ़ोत्तरी हुई थी। इस समय दुनिया में 26 प्रतिशत बिजली अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से पैदा की जा रही है।

र्ष 2018 के दौरान 2017 की तुलना में अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों में किये गए निवेश में कुछ कमी दर्ज की गयी है और जितना भी निवेश किये जा रहा है उसमें अधिकतर प्राइवेट कंपनियों द्वारा किया गया निवेश है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर लगभग 1.1 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है, भारत में लगभग 7 लाख लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार मिला है।

क्षय ऊर्जा की मांग और आपूर्ति भले ही बढ़ रही हो, पर साथ में बिजली बनाने में कोयले का उपयोग भी बढ़ रहा है। वर्ष 2018 में कोयले से बिजली बनाने के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 17 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। दुनियाभर की सरकारें जीवाश्म इंधनों पर सब्सिडी बढ़ाती जा रही हैं, वर्ष 2018 में इस सब्सिडी में औसतन 11 प्रतिशत का इजाफा हुआ।

बिजली उत्पादक के सन्दर्भ में वर्ष 2018 लगातार चौथा ऐसा वर्ष था जब कोयले से और परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने की तुलना में अक्षय ऊर्जा में अधिक निवेश किया गया। इस वर्ष भारत में भी पहली बार ताप बिजलीघरों की तुलना में अक्षय ऊर्जा पर अधिक निवेश किया गया।

दुनिया में वर्ष 2018 के दौरान 181 गिगावाट बिजली पैदा करने के संयंत्र लगाए गए। इसमें से 55 प्रतिशत सौर ऊर्जा के, 28 प्रतिशत पवन ऊर्जा के और 11 प्रतिशत पनबिजली योजनाओं के संयंत्र स्थापित किये गए। इस समय दुनिया में 90 देश ऐसे हैं जहां एक गीगावाट या इससे अधिक बिजली का उत्पादन अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से किया जा रहा है। इसमें से 30 देश ऐसे हैं जहां यह उत्पादन 10 गीगावाट या इससे भी अधिक किया जा रहा है। अधिकतर देश अपने बिजली की कुल जरूरतों में से 20 प्रतिशत या अधिक बिजली का उत्पादन अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से कर रहे हैं।

डेनमार्क दुनिया में अकेला ऐसा देश है, जहां शत-प्रतिशत बिजली अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। दुनिया में 169 देशों में अक्षय ऊर्जा से बिजली बनाने का कुछ ना कुछ लक्ष्य रखा गया है, पर आश्चर्य की बात है की वर्ष 2017 में ऐसे 179 देश थे।

क्षय ऊर्जा में निवेश और स्थापित क्षमता, दोनों के सन्दर्भ में चीन पहले स्थान पर है और भारत चौथे स्थान पर।

Next Story

विविध