डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने वैश्विक कोविड वैक्स अभियान में असंतुलन को बताया 'शर्मनाक'

कोवैक्स को 190 देशों में एक साल से कम समय में दो अरब से अधिक खुराक वितरण की उम्मीद है और वह विशेष रूप से, यह सुनिश्चित करना चाहता है कि 92 गरीब देशों को धनी देशों के समान टीके मिलेंगे....

Update: 2021-04-11 02:30 GMT

जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोनावायरस के टीके के वितरण में अमीर और गरीब देशों के बीच असंतुलन की आलोचना करते हुए इसे 'शर्मनाक' बताया है।

बीबीसी के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडहैनोम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "टीके के वैश्विक वितरण में एक 'शर्मनाक असंतुलन' बना हुआ है। हर देश में चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के शनिवार तक पूरा होने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा।"

डब्ल्यूएचओ ने लंबे समय से प्रतीक्षित कोविड-19 टीकों के उचित वितरण का आह्वान किया है। कोवैक्स योजना इस तरह बनाई गई है कि गरीब देशों को टीके मिल सकें। योजना के तहत अब तक लगभग 100 देशों में 3.8 करोड़ से अधिक खुराक वितरित की जा चुकी हैं।

कोवैक्स को 190 देशों में एक साल से कम समय में दो अरब से अधिक खुराक वितरण की उम्मीद है और वह विशेष रूप से, यह सुनिश्चित करना चाहता है कि 92 गरीब देशों को धनी देशों के समान टीके मिलेंगे।

ट्रेडोस ने कहा, "उच्च आय वाले देशों में औसतन चार लोगों में से एक को वैक्सीन प्राप्त हुआ है। कम आय वाले देशों में यह 500 से अधिक लोगों में से एक को मिला है।" कोवैक्स योजना के मार्च के अंत तक दुनिया भर में कम से कम 10 करोड़ खुराक वितरित किए जाने की उम्मीद की गई थी, लेकिन अब तक केवल 3.8 करोड़ खुराक वितरित की गई हैं।

उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि अप्रैल और मई के दौरान लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम होंगे।" ट्रेडोस ने उन देशों की भी आलोचना की, जो कोवैक्स योजना के बाहर अपने स्वयं के वैक्सीन सौदों की मांग उठा रहे हैं। कुछ देशों और कंपनियों ने अपने स्वयं के राजनीतिक या वाणिज्यिक कारणों से कोवैक्स को दरकिनार करते हुए अपने स्वयं के द्विपक्षीय टीका दान की योजना बनाई है।

उन्होंने कहा, "इन द्विपक्षीय व्यवस्थाओं से वैक्सीन वितरण में असमानता की लपटें दूर तक फैलने का जोखिम है। आपूर्ति की कमी से वैक्सीन राष्ट्रवाद चलाया रहा है।"

ट्रेडोस ने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में दुनिया टीका वितरण में असमानता जैसी भयावह नैतिक विफलता का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि 'मुझे-पहले' वाले दृष्टिकोण से आत्म-पराजय होगा, क्योंकि यह जमाखोरी को प्रोत्साहित करेगा और महामारी को लंबा खींच देगा।

Tags:    

Similar News