Indian Economy: भारत का विदेशी ऋण बढ़कर 570 अरब डॉलर हुआ, हर नागरिक पर 32000 रुपये से ज्यादा का कर्ज

Indian Economy: इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अगर भारत की जनसंख्या इस समय 130 करोड़ है तो इस लिहाज से हर नागरिक पर 32,000 रुपये से अधिक का कर्ज है।

Update: 2021-09-30 03:08 GMT

(तमाम दावों के बीच देश पर विदेशी ऋण लगातार बढ़ता जा रहा है)

Indian Economy: (जनज्वार)। देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं। पिछली सरकारों और वर्तमान की मोदी सरकार (Modi Government) के समय के आंकड़ों को लेकर तुलनाएं भी की जातीं हैं। ऐसे दावे भी किए जाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था (Economy) ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी हो जाएगी। इन सबके बीच देश पर विदेशी कर्ज (Foreign Loan) लगातार बढ़ता जा रहा है। जारी आंकड़ों की बात ही करें तो आज के डेट में देश के हर नागरिक पर भारी भरकम कर्ज है।

देश मे बेरोजगारी, निजीकरण (Privatization) आदि मसलों को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं होतीं हैं। विपक्ष इन मुद्दों को लेकर लगातार आक्रामक रहता है तो सत्तापक्ष पिछली सरकारों और वर्तमान सरकार के आंकड़ों का तुलनात्मक डेटा बताकर इन आरोपों का खंडन करता है। हालांकि, इन सबके बीच विदेशी कर्ज बढ़ता जा रहा है।

देश की अर्थव्यवस्था को लेकर तमाम दावों के बीच भारत का विदेशी कर्ज बीते वित्तीय वर्ष (Financial year) यानि मार्च 2021 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में 2.1 फीसदी बढ़ गया है। देश का विदेशी कर्ज बढ़कर 570 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अगर भारत की जनसंख्या इस समय 130 करोड़ है तो इस लिहाज से हर नागरिक पर 32,000  रुपये से अधिक का कर्ज है।

ये आंकड़े आधिकारिक रूप से जारी किए गये हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा विदेशी ऋण पर बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2020 यानि पिछले वित्तीय वर्ष में यह ऋण 558.4 अरब डॉलर था। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात में यह विदेशी ऋण मार्च 2020 में 20.6 फीसद था, जो इस वर्ष मार्च में बढ़कर 21.1 फीसद हो गया। 

देश पर कुल विदेशी उधारी में व्यावसायिक उधारी, प्रवासी जमा, अल्पकालिक व्यापार ऋण (Short term business loan) और बहुस्तरीय ऋण की हिस्सेदारी  92 फीसद है। मार्च 2020 की तुलना में मार्च 2021 में व्यावसायिक उधारी और अल्पकालिक व्यापार ऋण में कमी आयी है, जबकि इस अवधि में प्रवासी जमा और बहुस्तरीय ऋण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार के अनुपात में विदेशी उधारी मार्च 2021 में 101.2 फीसद रहा जो मार्च 2020 की तुलना में 15.6 फीसद अधिक है। वर्ष 2020-21 के दौरान कोरोना महामारी (Covid Pandemic) से निपटने के लिए विभिन्न स्रोतों से विदेशी सहायता में बढोतरी होने के कारण सॉवरेन ऋण मार्च 2020 की तुलना में 6.2 फीसद बढ़ गया।

यह ऋण बढ़कर अब 107.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। गैर सॉवरेन ऋण में 1.2 फीसद बढ़कर इस अवधि में 462.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया और इसमें सबसे अधिक 95 फीसद हिस्सेदारी व्यावसायिक उधरी, प्रवासी जमा और अल्कालिक व्यापारिक उधारी (Short time business loan) की है। 

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