दिल्ली के कोविड कंट्रोल माॅडल को राज्यों पर किया जा सकता है लागू, 27 को होगी अहम बैठक

केंद्र सरकार दिल्ली को कोरोना कंट्रोल माॅडल को अधिक केस वाले राज्यों में लागू करने के संबंध में विचार कर रही है, हालांकि इस संबंध में 27 जुलाई को प्रस्तावित एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद ही आखिरी फैसला लिया जाएगा...

Update: 2020-07-26 03:08 GMT

केरल में कोरोना केसों की संख्या सर्वाधिक (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जनज्वार। दिल्ली के कोविड19 कंट्रोल माॅडल को वैसे राज्यों में लागू किया जा सकता है, जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ रहे हैं। इसको लेकर सोमवार (27 जुलाई) को केंद्र सरकार एक उच्च स्तरीय बैठक करेगी। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला करेंगे और इसमें दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव भी शामिल होंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण व नीति आयोग के सदस्य डाॅ वीके पाॅल व अन्य अधिकारी के शामिल होने की संभावना है।

दरअसल, भरत सरकार की चिंता जुलाई के दूखरे पखवाड़े में राज्यों में तेजी से बढते कोरोना के मामलों को लेकर है। जुलाई को शुरुआती दिनों में जहां देश के हर तीन कोरोना मरीज में दो महाराष्ट, दिल्ली व तमिलनाडु के होते थे। वहीं, अब आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, बिहार, असम, गुजरात, उत्तरप्रदेश व पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कोरोना के नए मामले तेजी से नए मामले सामने आ रहे हैं।

दिल्ली में हाल में कोरोना नियंत्रण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार ने फोकस्ड काम किया, जिसके सकारात्मक परिणाम दिखे हैं। एम्स के निदेशक डाॅ रणदीप गुलेरिया ने भी कहा है कि दिल्ली में कोरोना का पीक बीत गया है। हालांकि अब भी नए मामलों की संख्या काफी है।

शनिवार को दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 12, 657 दर्ज की गई है। यह संख्या सात सप्ताह में सबसे कम है। इस दिन 1, 142 नए मामले भी सामने आएं। राष्ट्रीय राजधानी में अबतक कोरोना के कुल 129, 531 मामले दर्ज किए गए हैं।

इतना ही नहीं दिल्ली का रिकवरी रेट इस वक्त 87 प्रतिशह हो गयाा है, जो देश में सबसे बेहतर है। देश का मौजूदा रिकवरी रेट 63.5 प्रतिशत है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सफलता पर बात करते हुए कहा था दिल्ली माॅडल टेस्टिंग, होम आइसोलेशन, पारदर्शी डाटा, अस्पताल में बेड और प्लाज्मा थेरेपी पांच चीजों पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके लिए तीन सिद्धांत को अपनाया गया - टीम वर्क, रचनात्मक आलोचना को स्वीकार करना व जो गलत है उसे दुरुस्त करना और सरकार के रूप में कितनी भी बुरी स्थिति क्यों न हो उसे नहीं छोड़ना।

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