Prayagraj News: एक पाउच से 7 थैली तैयार होता था जानलेवा प्लाज्मा, मरीज की मौत पर पुलिस का खुलासा

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मरीज को प्लेटलेट्स (Platelets) की जगह मुसम्मी का जूस चढ़ाने के मामले ने तूल पकड़ा तो अब रोज इसकी पर्तें खुलती जा रही हैं। भले ही मरीज की मौत के बाद, लेकिन अब प्रयागराज पुलिस एक्टिव हुई है। जिसके बाद ताबड़तोड़ छापेमारियां की जा रही हैं....

Update: 2022-10-22 14:00 GMT

Prayagraj News: एक पाउच से 7 थैली प्लाज्मा बना देते थे जान से खिलवाड़ करने वाले, मरीज की मौत के बाद पुलिस का खुलासा

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मरीज को प्लेटलेट्स (Platelets) की जगह मुसम्मी का जूस चढ़ाने के मामले ने तूल पकड़ा तो अब रोज इसकी पर्तें खुलती जा रही हैं। भले ही मरीज की मौत के बाद, लेकिन अब प्रयागराज पुलिस एक्टिव हुई है। जिसके बाद ताबड़तोड़ छापेमारियां की जा रही हैं। ताजा मामला सामने आया है कि पकड़ा गया गिरोह सरकारी अस्पतालों और ब्लड बैंक की जाली स्लिप के जरिये पूरा खेल संचालित करता था।

पुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्यों के पास से तीन पाउच नकली प्लेलेट्स बरामद हुई है। असल में यह प्लाज्मा (Plasma) है। जिन्हें अलग-अलग पाऊचों में भरकर गिरोह प्लेटलेट्स (Platelets) बताकर बेच देते थे। खास बात जो सामने आई है वो ये कि, इन पाउचों पर बेली, SRN और AMA ब्लड बैंक की फर्जी स्लिप लगी हुई पाई गई। 

इस संबंध में पूछताछ करने पर अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि, ये सभी स्लिप फर्जी हैं। जिन्हें वे प्रिटिंग प्रेसों से छपवाते थे। बेली, एसआरएन और एएमए की स्लिप लगी होने पर तीमारदारों को शक नहीं होता था। गिरोह के सदस्यों ने यह भी बताया कि वे 350 का प्लाज्मा खरीदकर प्लेटलेट्स के नाम पर ग्राहकों से 10 गुना ज्यादा रकम वसूलते थे।  

पुलिस हिरासत में जान से खिलवाड़ करने वाले

बता दें कि, प्रयागराज में प्रदीप पांडेय की मौत होने के बाद SOG टीम ने सरगना सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए लोगों से 18 पाउच प्लाज्मा, तीन पाउच नकली प्लेटलेट और 1.02 लाख रूपये की नकदी बरामद हुई है। अरेस्ट हुए लोगों में तीन मिर्जापुर, एक देवरिया और बाकी आरोपी प्रयागराज के हैं। गिरोह का सरगना राघवेंद्र सिंह उर्फ राहुल पटेल है, जिसे भी हिरासत में लिया गया है। 

किस तरह होता है मिलावट का खेल

गिरोह का पूरा खेल ब्लड बैंक से संचालित होता था। गौरतलब है कि कागज दिखाने पर मरीज को सरकारी अस्पताल से प्लाज्मा का पैकेट फ्री में मिलता है। वहीं अगर मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है तो इसकी कीमत महज 300 रूपये देनी होती है। पकड़ा गया गिरोह प्राइवेट अस्पताल के जाली पेपर तैयर करते थे। जिसके बाद ब्लड बैंक से 300 रूपये में एक पैकेट प्लाज्मा लेते थे। इसकी मात्रा 300 ML रहती है। 

इसके बाद गिरोह पचास-पचास ML के पैकेट तैयार करता था। एक प्लाज्मा पैकेट से लगभग सात पैकेट तैयार किये जाते थे। जिन्हें पांच-पांच हजार रूपये की कीमत पर बेचा जाता था। यानी 300 का प्लाज्मा से 35 हजार तक का मुनाफा। अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदारों को यह प्लेटलेट्स बताकर बेचा जाता था। 

कौन-कौन पकड़ा गया? 

कोतवाली पुलिस और SOG की टीम ने गिरोह के कुल 10 सदस्यों को गिरफतार किया है। जिनमें सुनील पांडेय, दिलीप शुक्ला, सरफराज, प्रदीप, प्रवीण पटेल, योगेश्वर सिंह, विकास कुमार, दिलीप पटेल और अभिषेक कुमार शामिल हैं। इन सभी में सोरांव गांव का रहने वाला राघवेंद्र सिंह उर्फ राहुल पटेल गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। 

ब्लड बैंक के बाहर सक्रिय हैं दलाल

प्रयागराज पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि इस हेराफेरी में कई अस्पताल कर्मी और ब्लड बैंक के कर्मचारी भी शामिल हैं। और यहां तक अभी पुलिस नहीं पहुँच पाई है। बल्ड बैंक के बाहर अभी भी ये दलाल सक्रिय बताये जा रहे हैं तो कुछ अंडरग्राऊण्ड भी हो गये हैं। लेकिन अभी भी अस्पताल के बाहर दलाल लोगों को फुसलाकर नकली प्लेटलेट्स बेच रहे हैं।  

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