एलुमनी मीट में स्वास्थ्य पर भाषण देते हुए IIT कानपुर के प्रोफेसर समीर खांडेकर का हार्ट अटैक से निधन, अंतिम शब्द थे सेहत का ध्यान रखो....

IIT Kanpur Prof. Sameer Khandekar Heart Attack death : आईआईटी कानपुर के ऑडिटोरियम में चल रहे कार्यक्रम के दौरान जब प्रोफेसर समीर खांडेकर अपनी बात रख रहे थे तो अचानक बोलते-बोलते उन्हें हार्ट अटैक आ गया। शुरू में तो ऑडिटोरियम में बैठे लोगों को लगा कि समीर खांडेकर भावुक होकर गिर पड़े हैं, मगर जब थोड़ी देर तक कोई हरकत नहीं हुई तो पता चला कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है....

Update: 2023-12-23 13:00 GMT

IIT Kanpur Prof. Sameer Khandekar Heart Attack death : देश में हार्ट अटैक से मौतों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ रही है। कई चर्चित हस्तियां भी जिम करते, खेलते या फिर कोई एक्टिविटी करते हुए हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा चुके हैं। अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर समीर खांडेकर का। जी हां, कल 22 दिसंबर को जब समीर खांडेकर एलुमनी मीट में स्वास्थ्य पर लेक्चर दे रहे थे तो अचानक गिर पड़े और तुरंत डॉक्टरों के पास ले जाने के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके मुंह से निकले अंतिम शब्द सेहत का ध्यान रखो... थे।

जानकारी के मुताबिक कल शुक्रवार 22 दिसंबर को आईआईटी कानपुर के ऑडिटोरियम में चल रहे कार्यक्रम के दौरान जब प्रोफेसर समीर खांडेकर अपनी बात रख रहे थे तो अचानक बोलते-बोलते उन्हें हार्ट अटैक आ गया। शुरू में तो ऑडिटोरियम में बैठे लोगों को लगा कि समीर खांडेकर भावुक होकर गिर पड़े हैं, मगर जब थोड़ी देर तक कोई हरकत नहीं हुई तो पता चला कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। इसी दौरान उन्हें हार्ट अटैक आ गया। समीर खांडेकर को तुरंत कॉर्डियोलॉजिस्ट के पास ले जाया गया, मगर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। प्रोफेसर समीर खांडेकर की अचानक इस तरह मौत हो जाने से हर कोई हैरत में पड़ गया, कैंपस में तो हड़कंप ही मच गया।

Full View

मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर समीर खांडेकर डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर के पद भी तैनात थे और आईआईटी कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक थे। उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो परिवार में मां-बाप के अलावा पत्नी प्रद्यन्या खांडेकर और बेटा प्रवाह खांडेकर हैं। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर समीर खांडेकर का 2019 में कोलेस्ट्राल बढ़ गया था, जिसका उपचार काफी समय से चल रहा था।

10 नवंबर 1971 को मध्य प्रदेश के जबलपुर में जन्मे प्रोफेसर समीर खांडेकर ने जर्मनी से पीएचडी किया था। इससे पहले उन्होंने आईआईटी कानपुर से बीटेक किया था। जर्मनी से पीएचडी करने के बाद समीर खांडेकर ने आईआईटी कानपुर में असिटेंट प्रोफेसर के पद पर ज्वाइन किया था। 2009 में एसोसिएट प्रोफेसर के बाद वह 2014 में प्रोफेसर बने। उसके बाद वर्ष 2020 में प्रोफेसर समीर खांडेकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष बने और साल 2023 में उनको डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर पद की जिम्मेदारी भी सौंपी गयी थी।

Tags:    

Similar News