किसान आंदोलन : केंद्र सरकार ने किसानों को 30 दिसंबर को बुलाया, किसान संगठनों को लिखा पत्र

अगले दौर की मीटिंग के लिए सरकार ने किसानों को 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। मीटिंग दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी, इससे पहले किसानों ने शनिवार को सरकार को चिट्ठी लिखकर मंगलवार 11 बजे मीटिंग करने का वक्त दिया था....

Update: 2020-12-28 13:20 GMT

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा सितंबर 2020 में पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। आंदोलन का आज 33वां दिन हैं। वहीं इस बीच सरकार ने किसानों को 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। इससे पहले किसानों ने सरकार को बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख दी थी। इस बैठक के लिए किसानों ने चार शर्तें भी रखीं थी।

दूसरी ओर केरल सरकार 31 दिसंबर को विधानसभा में नए कृषि कानून के खिलाफ अध्यादेश पेश करेगी। गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने इसके लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाने को मंजूरी दे दी है। इस दौरान इन कानूनों पर चर्चा होगी और इनके खिलाफ प्रस्ताव पास किया जाएगा।

अगले दौर की मीटिंग के लिए सरकार ने किसानों को 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। मीटिंग दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। इससे पहले किसानों ने शनिवार को सरकार को चिट्ठी लिखकर मंगलवार 11 बजे मीटिंग करने का वक्त दिया था। उन्होंने 4 शर्तें भी रखीं।

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वहीं, केरल सरकार 31 दिसंबर को विधानसभा में नए कृषि कानून के खिलाफ अध्यादेश पेश करेगी। गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने इसके लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाने को मंजूरी दे दी है। इस दौरान इन कानूनों पर चर्चा होगी और इनके खिलाफ प्रस्ताव पास किया जाएगा।

सरकार से बातचीत के लिए किसानों की 4 शर्तें

1. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत हो।

2. मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में रहे।

3. कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रोविजन किसानों पर लागू नहीं हों। ऑर्डिनेंस में संशोधन कर नोटिफाई किया जाए।

4. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव का मुद्दा भी बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।

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