मोदी के कृषि कानून को खारिज करने के लिए कांग्रेस शासित राज्य पेश कर सकते हैं विधेयक

कृषि राज्य का विषय है। मोदी के कृषि कानून को संघीय ढांचे का उल्लंघन और राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण भी बताया जा चुका है। बीते सप्ताह सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 254(2) के तहत अपने राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाने की सलाह दी।

Update: 2020-10-05 03:41 GMT

(मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पदाधिकारियों संग बैठक बुलाई थी)


जनज्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi Agriculture Law) की सरकार द्वारा हाल में संसद सत्र के दौरान पारित कराए गए तीन कृषि विधेयकों (Farm Bills) और फिर उसे राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद कानून की शक्ल में लागू किए जाने की काट कांग्रेस (Congress) खोज रही है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपने शासन वाले राज्यों में एक ऐसा विधेयक तैयार कर सकती है जो संबंधित सूबे में केंद्र के कृषि कानून को खारिज कर दे।

राज्यों के कृषि विधेयक मसौदे को सीधे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी देख रही हैं और उनके सलाह व मार्गदर्शन में ही हर काम हो रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य सरकारों को माॅडल बिल का मसौदा भेजा है, राज्य इकाई व संबंधित राज्य की सरकारें इसके अध्ययन व विश्लेषण के बाद अपने यहां विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसे विधेयक के रूप में पारित करवा सकती हैं।

मालूम हो कि कृषि राज्य का विषय है। मोदी के कृषि कानून को संघीय ढांचे का उल्लंघन और राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण भी बताया जा चुका है। बीते सप्ताह सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 254(2) के तहत अपने राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाने की सलाह दी।

कांग्रेस के तैयार मसौदा विधेयक में यह सुनिश्चित किया गया है कि किसान को उसकी उपज की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम नहीं मिले। इसके तहत कोई भी निजी एजेंसी एमएसपी से कम कीमत पर किसान की फसल नहीं खरीद सकेगी। कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि यह कृषि मसौदा कृषि कानूनों के खिलाफ राज्य मेें किसानों का हित सुनिश्चित करेगा। इस विधेयक का नाम किसान अधिकार और विशेष सुरक्षा प्रावधान विधेयक 2020 दिया गया है।

मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस ने संसद में कड़ा रुख अख्तियार कर रखा था। सत्र के बाद व इसके कानून की शक्ल लेने पर भी कांग्रेस इस मुद्दे पर मोदी सरकार व भाजपा को घेर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार से इसको लेकर पंजाब में रविवार को खेती बचाओ यात्रा शुरू की। वे किसान सभाओं को भी संबोधित कर रहे हैं और यह ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी सरकार में आएगी तो इन कृषि कानून को रद्दी के ठोकरी में डाल देगी।

मालूम हो कि अगर कांग्रेस शासित राज्य ऐसा कदम उठाते हैं तो पंजाब, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ सहित कुछ अन्य राज्यों में मोदी के कृषि कानून को वहां की विधानसभा खाारिज कर सकती है। इन राज्यों में कांग्रेस या तो सीधे तौर पर सरकार में है या वह सरकार की बड़ी पार्टनर है।

मोदी सरकार के तीन कृषि विधेयक जो अब कानून की शक्ल ले चुके हैं उनके नाम हैं :

कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सुविधा विधेयक 2020 - Farmers and Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill 2020

मूल्य आश्वासन पर किसान बंदोबस्ती और सुरक्षा समझौता विधेयक 2020 - Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance bill

कृषि सेवा विधेयक 2020 - Farm Services Bill, 2020 

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