ISIS भर्ती मामले में दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने 15 दोषियों को सुनाई अलग-अलग सजा

अदालत ने आरोपियों को आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और कड़े गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद सजा सुनाई...

Update: 2020-10-18 10:18 GMT

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आतंकी समूह आईएसआईएस के सदस्य होने और भारत में आधार स्थापित करने और देश में आतंकवाद के मामलों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती के लिए 15 लोगों को अलग-अलग जेल की सजा सुनाई।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश परवीन सिंह ने 10 साल के लिए नफीस खान को जेल भेज दिया, जबकि तीन दोषियों - अबू अनस, मुफ्ती अब्दुल सामी कासमी और मुदाबिर मुश्ताक शेख को सात साल की जेल की सजा मिली। अमजद और अजहर खान को छह साल कैद की सजा मिली।

उनके वकील कौसर खान के अनुसार, अदालत ने नौ अन्य दोषियों को पांच साल की जेल की सजा सुनाई: मोहम्मद ओबेदुल्ला, नजमुल हुदा, मोहम्मद अफजल, सोहेल अहमद, मोहम्मद अलीम, मोइनुद्दीन खान, आसिफ अली, सैयद मुजाहिद और मोहम्मद हुसैन।

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न्यायाधीश ने आरोपियों को आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और कड़े गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद सजा सुनाई।

अदालत ने जब उन्हें दोषी पाया तो आरोपियों ने कोर्ट में अपने किए आरोपित कृत्यों पर पछतावा किया और भविष्य में इस तरह के कृत्यों और गतिविधियों में लिप्त न होने की बात कही।

बता दें कि एनआईए के द्वारा 9 दिसंबर 2015 को आईपीसी और यूएपीए से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसमें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के माध्यम से भारत में आईएसआईएस का आधार स्थापित करने की बड़ी साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। 

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