दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षक संगठन चाहते हैं नई शिक्षा नीति पर पहले हो बहस फिर हो लागू

डीयू प्रशासन ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के लिए 25 सितंबर को एक कमिटी बनाई है...

Update: 2020-09-28 17:42 GMT

जनज्वार ,नई दिल्ली | दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक समिति बनाई है। हालांकि समिति गठन के साथ ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। विश्वविद्यालय से जुड़े संगठन एकेडमिक्स फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट (एएडी) और युनाइटेड टीचर्स फ्रंट (यूटीएफ) ने इसका विरोध किया है। इस बाबत इनके एकेडमिक कांउसिल (एसी) और एक्जीक्यूटिव कांउसिल (ईसी) के सदस्यों ने प्रभारी कुलपति को एक विरोध-पत्र लिखा है। पत्र में ये कहा गया है, "हमने हमेशा मनमाने तरीके से कमिटी या वर्किं ग ग्रुप को बनाए जाने का विरोध किया है। आखिर क्यों एसी और ईसी जैसी वैधानिक संस्थाओं को दरकिनार किया जा रहा है। आज मनमाने तरीके से कमिटी बनाकर प्रशासन अपने मंसूबे आसानी से पूरे कर सकता है, पर विधायी समितियों को दरकिनार करने का खामियाजा विश्वविद्यालय को लंबे समय तक भोगना पड़ेगा।"

डीयू प्रशासन ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के लिए 25 सितंबर को एक कमिटी बनाई है। कमिटी का उद्देश्य दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करवाना और सुझाव देना है।

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दिल्ली विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्य राजेश झा ने कहा, "विधायी समितियों को दरकिनार करना सही नहीं है। डीयू एक्ट-1922 की परिधि में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पहले सभी स्तरों पर बहस हो और इसमें छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की हिस्सेदारी सुनिश्चित हो।"

विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल और एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन को भी इस विषय से अवगत कराया है।

वहीं, नई शिक्षा नीति की जानकारी सभी छात्रों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने विद्या भारती के साथ मिलकर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कराने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में डूसू ने प्रतियोगिता के संबंध में जेनरल बॉडी की बैठक बुई। यह हाल के समय में ऑनलाइन माध्यम द्वारा कराई गई सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ आधिकारिक तौर पर इस प्रतिस्पर्धा के लिए साझीदार की भूमिका में रहेगा। प्रतिस्पर्धा का उद्घाटन विद्या भारती के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल द्वारा किया गया। इसका आयोजन 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक विद्या भारती के राष्ट्रस्तरीय मंच से किया जा रहा है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी जागरूकता अभियान डूसू के साथ सहभागिता में किया जा रहा है, जिसमें 13 भाषाओं एवं विभिन्न श्रेणियों को पुरस्कारों के साथ सम्मिलित किया गया है।

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