दलित शिक्षक रितु सिंह के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय में भेदभाव, एक महीने में नहीं मिली एक भी कक्षा
जनज्वार। दिल्ली के दौलत राम काॅलेज की एडहाॅक टीचर डाॅ रितु सिंह को काॅलेज के प्रिंसिपल द्वारा कक्षाएं आवंटित नहीं की जा जाती हैं। इसके लिए उनका चयन किया गया, लेकिन उन्हें अबतक कक्षाएं नहीं दी गई। रितु में समर्थकों का कहना है कि दलित होने की वजह से उनके लिए कक्षाओं का टाइम टेबल नहीं सेट किया जा रहा है और पठन-पाठन से उन्हंें दूर रखा जा रहा है। जबकि रितु के क्लास लेने का रिकार्ड अच्छा है।
10 अगस्त से कहानी शुरू हुई थी। आज 10 सितंबर है।
— Dr. Ritu Singh (@DrRituSingh_) September 10, 2020
"एक महीने"
मैं महसूस कर सकती हूँ कि रोहित वेमुला और पायल तड़वी पर क्या गुजरी होगी!✊🙏 pic.twitter.com/2IkuZMQXfC
दलित आर्मी के संस्थापक हंसराज मीणा, कांग्रेस नेता उदित राज सहित कई लोगों ने इस मामले में ट्वीट कर रितु के लिए न्याय की मांग की है। हंसराज मीणा ने ट्विटर पर लिखा है कि देश की राजधानी दिल्ली में जातीय भेदभाव की शिकार दलित टीचर डाॅ रितु सिंह के न्याय के लिए आवाज बुलंद करें। इस दौर में जातीय भेदभाव बिल्कुल असहनीय है।
देश की राजधानी दिल्ली में जातीय भेदभाव की शिकार दलित टीचर डॉ. ऋतु सिंह के न्याय के लिए आवाज बुलंद करें। इस दौर में जातीय भेदभाव बिल्कुल असहनीय हैं। #JusticeforDrRitu pic.twitter.com/RXqWuCLOz1
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) September 15, 2020
दलित शिक्षिका डॉ रितु सिंह के साथ डीयू प्रशासन द्वारा भेदभाव के खिलाफ बहुजन एकताबद्ध हों ।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) September 15, 2020
आज दोपहर 2 बजे दौलतराम कालेज पहुंचें। सम्पर्क - 8789325595#JusticeforDrRitu pic.twitter.com/Fo8tGKKLyF
सविता आनंद ने इसको लेकर ट्वीट किया : वे कहते हैं देश में जातिगत भेदभाव बंद हो गया है, वह अच्छे से जान लें कि किस तरह देश की राजधानी दिल्ली में ही एक शिक्षिका डाॅ रितु सिंह जातीय भेदभाव की शिकार हुई हैं। आप भी अपनी आवाज बुलंद कीजिए और सही का साथ दीजिए।
डाॅ सूरज यादव मंडल नाम के ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया : अच्छा समाज तभी बनेगा, जब तुम अन्याय के खिलाफ विरोध करने लगोगे। इस मुद्दे को लेकर आज दौलत राम काॅलेज के सामने डूटा के तत्वावधान में दिन के दो बजे धरना का आह्वान किया गया है।
आरव प्रकाश नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा : दौलतराम काॅलेज के संघी प्रिंसिपल होश में आओ। विजय प्रकाश नामक ट्विटर एकाउंट से लिखा गया: डॉ रितुसिंह दौलतराम कॉलेज डीयू में टीचर हैं। पढ़ाने का रेकार्ड सुपर है दोष है कि वो दलित हैं। आरएसएस समर्थित प्रिंसिपल भेदभाव के आधार पर पढ़ाने से वर्जित कर रखा है ।रितु अंबेडकरवादी हैं यही उनकी खता है। इस द्रोणाचार्य प्रिंसिपल को हटाया जाए और मेधावी टीचर रितु को बहाल किया जाए।
डाॅ आलोक पांडेय नामक ट्विटर यूजर ने लिखा: दौलतराम काॅलेज में पढाने वाली रितु के साथ न्याय जरूरी है, उन्हें यथाशीघ्र टाइम टेबल मिलना चाहिए।
नियम के विरुद्ध जाकर डॉ रितु सिंह को दौलत राम कॉलेज में भेदभाव किया क्योंकि ये अंबेडकरवादी हैं जो RSS को मंज़ूर नही।15 sep को 2 बजे धरने में शामिल होने की अपील। सभी साथी ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में पहुंच कर @DrRituSingh_ जी का समर्थन करे। जय भीम pic.twitter.com/szuvvkWgvE
— Vishal Aazad ♥️ Ravan (@ravan_aazad) September 14, 2020
रोहिणी नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा प्रिंसिपल को लगता है कि दलितों को सर पर मैला धोना चाहिएए इसलिए ऋतू का प्रोफ़ेसर बनना बर्दाश्त नही हो रहा है। दलित शिक्षिका डॉ रितु सिंह के साथ डीयू प्रशासन द्वारा भेदभाव के खिलाफ बहुजन एकताबद्ध हों ।
परिसंघ के राष्ट्रीय महासचिव डाॅ ओम सुधा ने भी आज दिन के दो बजे काॅलेज के पास धरने में जुटने की सभी से अपील की है। डाॅ रितु के समर्थकों का कहना है कि अंबेडकरवादी व दलित होने के कारण डाॅ रितु से भेदभाव किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली यूनिवर्सिटी के तीन काॅलेजों दौलत राम काॅलेज, गार्गी काॅलेज व दयाल सिंह इवनिंग काॅलेज में भेदभाव किए जाने का आरोप लगा है। दौलत राम में जाति के आधार पर एडहाॅक टीचर को कक्षाएं नहीं देने का आरोप लगा है और इसके लिए काॅलेज की प्रिंसिपल डाॅ सविता राय को जिम्मेवार बताया गया है। कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद डा उदित राज ने अपने एक ट्वीट में सविता राय को आरएसएस की कार्यकर्ता बता चुके हैं। उन्होंने लिखा है कि नियमतः किसी टीचर को निकाला नहीं जा सकता है और नियमतः डाॅ सविता को दोबारा काॅलेज का प्रिंसिपल नहीं होना चाहिए था।
दलितों पर अत्याचार।मंत्रालय का निर्देश कि कोई शिक्षक स्थाई होने तक निकाला नही जाएगा लेकिन आरएसएस समर्थक दौलत राम कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्रीमती सविता रॉय दलित टीचर डॉ रितु सिंह को निकाल रही हैं।अब तो bjp govt यह नही कह सकती कि वो दलित विरोधी नही है ।@JPNadda @DrRPNishank pic.twitter.com/8bUudvtrTT
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) September 3, 2020
आरोप लगाया गया है कि डाॅ रितु को 10 अगस्त को जिस दिन काॅलेज खुला उसी दिन बुलाकर ज्वाइनिंग दे दी गई लेकिन अगले ही दिन अपमानजनक ढंग से कहा गया कि आप कक्षाएं नहीं ले सकती हैं। तब से 10 सितंबर यानी एक महीने तक उन्हें एक भी कक्षा नहीं मिली। इसके बाद इस मामले को डाॅ रितु ने ट्विटर पर उठाया और उनका समर्थन धीरे-धीरे बढता गया और अब वह आंदालन का रूप ले चुका है।
इसी तरह यह आरोप लगा है कि गार्गी काॅलेज में एक टीचर के वर्कलोड को दूसरे को दिया जा रहा है और दलित शिक्षकों को विस्थापित किया जा रहा है। यह भी आरोप लगाया गया है कि दयाल सिंह काॅलेज में एक दलित शिक्षक को ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही है।