Parliament Winter Session: कृषि कानून वापसी बिल लोकसभा में पारित, विपक्ष के हंगामें के बाद कार्यवाही स्थगित
Parliament Winter Session: विपक्ष के हंगामें के बीच सदन को दो बार स्थिगत करना पड़ा। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच लोक सभा में कृषि कानूनों की वापसी को लेकर बिल पारित हो गया है...
Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के पहले दिन सोमवार 29 नवंबर को लोकसभा ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी The Farm Laws Repeal Bill, 2021को बिना चर्चा किए ही मंजूरी प्रदान कर दी। विपक्ष के हंगामें के बीच सदन को दो बार स्थिगत करना पड़ा। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सभा पटल पर जरूरी कागजात रखवाए। इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री (Minister of Agriculture and Welfare) नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पेश किया।
हंगामे के बीच लोक सभा में कृषि कानूनों की वापसी (Bill to repeal Farm Laws) को लेकर बिल पारित हो गया है। इसके साथ ही लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि ध्वनिमत से लोकसभा में पारित होने के बाद कृषि कानून वापसी बिल (Farm Laws Repeal Bill) को आज ही 2 बजे राज्य सभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में पारित होने के बाद कृषि कानून वापसी बिल को निरस्त कर दिया जाएगा।
विपक्ष का सदन में हंगामा
सदन शुरू होने के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने नारेबाजी शुरु कर दी। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला बिल बिना चर्चा के ही पास हो गया है। जबकि विपक्ष बिल पर चर्चा की मांग कर रहा था। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, "मैं (कृषि कानूनों को निरस्त करने के विधेयक पर) चर्चा की अनुमति देने और उसके लिए पर्याप्त समय देने के लिए तैयार हूं, लेकिन चिल्लाते हुए सदस्यों को पहले अपनी सीटों पर जाना चाहिए।" लोकसभा से पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
किसानों में हर्ष का माहौल
इधर, लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित हो जाने के बाद टिकरी सीमा पर विरोध कर रहे किसानों ने कहा कि वे खुश हैं लेकिन जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे घर नहीं जाएंगे। उनकी मांगों में एमएसपी (MSP) की कानूनी गारंटी, किसानों के खिलाफ मामले रद्द करना और शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा देना शामिल है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का धरना जारी रहेगा। 4 दिसंबर को वे आगे की रणनीति तय करेंगे।