दिल्ली में दो जौहरी भाईयों ने की खुदकुशी, कोरोना संकट में कर्ज से थे परेशान

परिजनों का कहना है कि दोनों भाइयों ने किसी फाइनेंसर से 60-70 लाख रुपये कर्ज लिया था, फाइनेंसर और उसके बाउंसर दोनों को परेशान कर रहे थे। इससे हताश होकर दोनों ने फांसी लगा ली.....

Update: 2020-08-27 11:41 GMT

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच कर्ज के बोझ तले लोगों के आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला दिल्ली के चांदनी चौक इलाके का है जहां बुधवार 26 अगस्त की दोपहरदो जौहरी भाईयों ने एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी। इन दोनों भाइयों की कृष्णा ज्वैलर्स के नाम से अपनी दुकान थी।  

मृतकों की पहचान अंकित गुप्ता (47 वर्षीय) और अर्पित गुप्ता (42 वर्षीय) के रूप में हुई है। मृतक गुप्ता भाइयों के  परिजनों का कहना है कि दोनों भाई कर्ज से परेशान थे। दोपहर के समय दोनों भाइयों के शव तीसरी मंजिल स्थित उनके कारखाने में धोती के सहारे गाटर से लटके मिले। कर्मचारियों ने उनको लटके देखा तो शोर मचाया। खुदकुशी की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई।

पुलिस को मृतकों के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। नोट में दोनों ने आर्थिक स्थिति खराब होने का जिक्र किया है। हालांकि इस सुसाइड नोट में किसी पर आरोप नहीं लगाया गया है। परिजनों का कहना है कि  दोनों भाइयों ने किसी फाइनेंसर से 60-70 लाख रुपये कर्ज लिया था। फाइनेंसर और उसके बाउंसर दोनों को परेशान कर रहे थे। इससे हताश होकर दोनों ने फांसी लगा ली। पुलिस ने दोनों भाइयों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के मुताबिक अंकित और अर्पित परिवार के साथ सीताराम बाजार इलाके में रहते थे। मृतक अंकित की पत्नी और दो बच्चे हैं, जबकि अर्पित की शादी नहीं हुई थी। अंकित और अर्पित चांदनी चौक के मालीवाड़ा में पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर ज्वैलरी का काम करते थे। उनकी दुकान का नाम कृष्णा ज्वैलर्स है। पहली मंजिल पर उनके पिता आदेश्वर ने प्रॉपर्टी डीलिंग का दफ्तर भी बना रखा था। पिता ने आरोप लगाया कि पिछले दिनों दोनों बेटों को कारोबार में घाटा हुआ तो उन्होंने इलाके के ही एक फाइनेंसर से ऊंचे ब्याज पर मोटा कर्जा ले लिया। लॉकडाउन हुआ तो उनका कारोबार और मंदा हो गया। उधर फाइनेंसर ने अपने रुपये दोनों भाइयों से मांगना शुरू कर दिया।

दोनों भाई रुपये वापस करने के लिए समय की मांग कर रहे थे, लेकिन फाइनेंसर के बाउंसर दोनों को धमकाकर जाते थे। इससे दोनों बुरी तरह परेशान हो चुके थे। बुधवार को दोपहर में दोनों तीसरी मंजिल पर मौजूद थे। उनके पिता पहली मंजिल के अपने दफ्तर में मौजूद थे। करीब तीन बजे एक कर्मचारी ऊपर गया तो उसने देखा कि अंकित और अर्पित फंदे से लटके हुए हैं। उसने फौरन आदेश्वर को इसकी सूचना दी। घटना को लेकर कारोबारियों में गुस्सा है। पुलिस परिजनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

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