Booster dose is a scandal : WHO का दावा बूस्टर डोज के नाम पर हुआ बड़ा घोटाला

Covid Booster Shots: डब्ल्यूएचओ ने कहा, "स्वस्थ लोगों को बूस्टर देने या बच्चों का टीकाकरण करने का कोई मतलब नहीं है, जब दुनिया भर में हेल्थ वर्कर्स, वृद्ध लोग और अन्य उच्च जोखिम वाले समूह अभी भी अपनी पहली खुराक की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"

Update: 2021-11-14 07:01 GMT

WHO ने बूस्टर डोज को कहा 'Scandal'

Covid Booster Shots: भारत सहित कई देशों में कोविड-19 (Covid-19) के फैलाव से बचाव के लिए नागरिकों को बूस्टर शॉट देने की चर्चा जोरों पर है, ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन सभी देशों की कड़ी निंदा की है। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने बूस्टर खुराक को एक 'घोटाला' बताया और कहा कि गरीब देश अब भी पहली डोज के लिए तरस रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा, "स्वस्थ लोगों को बूस्टर देने या बच्चों का टीकाकरण करने का कोई मतलब नहीं है, जब दुनिया भर में हेल्थ वर्कर्स, वृद्ध लोग और अन्य उच्च जोखिम वाले समूह अभी भी अपनी पहली खुराक की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"

शनिवार, 13 नवंबर को साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान, WHO डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा कि, "उच्चतम टीकाकरण कवरेज वाले देश अधिक टीकों का भंडार कर रहे हैं, जबकि कम आय वाले गरीब देश अपनी आबादी के लिए पहली खुराक लिए भी जूझ रहे हैं। टेड्रोस ने कम आय वाले देशों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा, "कम आय वाले देशों में प्राथमिक खुराक की तुलना में वैश्विक स्तर पर हर दिन छह गुना अधिक बूस्टर दिए जा रहें हैं।"

डब्ल्यूएचओ (World Health Organisation) के अधिकारियों ने अपने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान दुनियाभर के सभी देशों को आगाह किया और कहा कि, "कोरोना टीका का असमान वितरण न केवल कम टीकाकरण कवरेज वाले देशों के लिए बल्कि अन्य देशों के लिए भी आने वाले समय में खतरा पैदा कर सकता है, क्योंकि अर्थव्यवस्थाएं खुल रही हैं, प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्राएं शुरू हो गई है।"

ऐसा नहीं है कि 100 से अधिक देशों में अभी भी अपनी 40% आबादी को टीके की पहली खुराक के साथ टीकाकरण की कमी है, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि प्रत्येक की कम से कम 40% आबादी को टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त 550 मिलियन खुराक की आवश्यकता है। इस साल के अंत तक कोशिश करें।

WHO ने बताया कि विश्व के 100 से अधिक देशों की 40% आबादी को कोरोना टीका की पहली खुराक भी नहीं मिली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि, " WHO इस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है कि इस साल के अंत तक हर देश की 40 फीसदी आबादी को कोरोना के जंग के खिलाफ टीके की पहली खुराक दी जाए और इसके लिए अतिरिक्त 55 करोड़ खुराक की जरूरत है।"

बच्चों में बढ़ा अन्य रोगों का जोखिम

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) बार बार दोहरा रहा है कि बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा फैलने की संभावना बहुत कम है। ऐसे में उन्हें टीकाकरण (Vaccination) की भी कोई जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों की एक नई रिपोर्ट में से पता चला कि कोरोना महामारी के दौरान विश्व भर के 22 मिलियन से अधिक बच्चों ने पिछले साल खसरे के टीके की अपनी पहली खुराक खो दी। ये आंकड़ा 2019 की तुलना में 3 मिलियन अधिक है। खसरा और अन्य जरूरी टीके न लगने से भविष्य में इन बच्चों में अन्य रोगों के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी जो चिंता का विषय है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 23 देशों में 24 खसरे के टीकाकरण अभियान को कोविड महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था, जिससे 93 मिलियन से अधिक लोगों को दुनिया के सबसे संक्रामक रोगजनकों में से एक का खतरा था।



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