Punjab-Haryana High Court : रामपाल को बड़ा झटका, मर्डर केस में आखिरी सांस तक की सजा संस्पेड करने से इनकार, अगली सुनवाई 15 दिसंबर को

Punjab-Haryana High Court : रामपाल के खिलाफ बरवाला के आश्रम में एक महिला की हत्या के मामले में 19 नवंबर 2014 को थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में हिसार के एडिशनल सेशन जज ने 11 अक्टूबर 2018 को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

Update: 2021-11-03 11:14 GMT

हाईकोर्ट ने रामपाल को सजा में राहत देने से किया इनकार।

Punjab-Haryana High Court : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को बड़ा झटका दिया है। एक याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मर्डर केस में रामपाल की आखिरी सांस तक की उम्रकैद की सजा को निलंबित करने से इंकार कर दिया है। रामपाल की याचिका पर अगली सुनवाई के 15 दिसंबर की तिथि मुकर्रर की है। उच्च न्यायालय ने तब तक के लिए सुनवाई तक स्थगित दी है। मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस संदीप मौदगिल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई को 15 दिसंबर तक टाल दिया।

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आखिरी सांस तक उम्रकैद की सजा में राहत पाने के मकसद से रामपाल ने हिसार कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को निलंबित करने की याचिका हाइकोर्ट में दायर की थी। इससे पहले हाईकोर्ट रामपाल के बेटे वरिंदर उर्फ बिजेंदर सहित अन्य दो व्यक्तियों पवन कुमार और जोगिंदर को आजीवन कारावास की सजा से जुड़े एक मामले में राहत दे चुका है। हाईकोर्ट ने याचिका विचाराधीन रहने तक उनकी आजीवन कारावास की सजा निलंबित किए जाने के आदेश दे दिए थे लेकिन रामपाल को उसी मामले में राहत नहीं मिल पाई थी।

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हाईकोर्ट में विचाराधीन है रामपाल की याचिका

रामपाल के खिलाफ बरवाला के आश्रम में एक महिला की हत्या के मामले में 19 नवंबर 2014 को थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में हिसार के एडिशनल सेशन जज ने 11 अक्टूबर 2018 को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ रामपाल ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी थी, जो अभी विचाराधीन है। रामपाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके उनकी अपील के लंबित रहते सजा को निलंबित किए जाने की मांग की थी। रामपाल ने याचिका के जरिए बताया था कि वह करीब चार साल से जेल में है और सजा के खिलाफ उनकी अपील अभी विचाराधीन है। ऐसे में उन्हें फिलहाल राहत दी जाए लेकिन हाईकोर्ट ने रामपाल को राहत देने से साफ इनकार कर दिया।

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