Lakhimpur Khiri : आज राहुल गांधी जाएंगे लखीमपुर खीरी, कांग्रेस डेलिगेशन का करेंगे नेतृत्व
Lakhimpur khiri : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी आज बुधवार, 6 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जाएंगे। राहुल के नेतृत्व में पार्टी का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी जाएगा।
Lakhimpur Khiri : (जनज्वार)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आज बुधवार, 6 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जाएंगे। राहुल के नेतृत्व में पार्टी का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी जाएगा। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसकी अनुमति देने का आग्रह किया गया है।
हालांकि, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी इलाके का दौरा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति मांगी थी।
कांग्रेस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी आज यूपी के लिए रवाना होने से पहले राजधानी दिल्ली (Delhi) में सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहा था कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के कई राजनीतिक दलों और पश्चिम बंगाल के एक प्रमुख दल (तृणमूल कांग्रेस) के नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दी है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को अनुमति नहीं दी जा रही है।
पार्टी के महासचिव के वेणुगोपाल ने कहा था कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को भी दौरा करने की अनुमति दी जाए। वहीं, लखनऊ में कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी के लखनऊ पहुंचने से जुड़ी सारी तैयारियां की जा रही हैं।
बता दें कि लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के बीच बवाल हो गया था। इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे में गंभीर आरोप लगे हैं। मामले में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
यह भी बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, प्रियंका (Priyanka Gandhi) के साथ 10 अन्य लोगों के खिलाफ शांतिभंग करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है, उनमें कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और अजय कुमार लल्लू के नाम शामिल हैं।
प्रियंका को लखीमपुर खीरी जाते वक्त सीतापुर के हरगांव में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद ही उनकी गिरफ्तारी कर ली गई। फिलहाल जिस पीएसी गेस्ट हाउस में उन्हें रखा गया था, उसे ही उनके लिए अस्थायी जेल घोषित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुए बवाल के बाद घमासान मचा है। घटना के बाद से नए-नए खुलासे हो रहे हैं। कई तरह के वीडियो लगातार सामने आ रहे हैं। सोमवार को एक नया वीडियो सामने आया। इस वीडियो में प्रदर्शन करने वाले किसानों पर गाड़ी चढ़ती हुई दिखाई दे रही है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक गाड़ी वहां प्रदर्शन कर रहे लोगों को रौंदते हुए निकल गई।
कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और अन्य विपक्षी दलों ने इस वीडियो को ट्वीटर पर शेयर किया है। साथ ही सरकार पर निशाना साधा है और दावा किया है कि यह वीडियो लखीमपुर का है।
उधर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। उन्होंने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की भी कठघरे में खड़ा किया है। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा कि विपक्ष के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल के लखीमपुर खीरी जाने के विषय पर चर्चा हुई है। इसके साथ उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रियंका की हिम्मत विपक्ष को ऊर्जा देती है। उन्होंने कहा कि अगर कानून सभी के लिए एक है, तो फिर प्रियंका गांधी वाड्रा जेल में क्यों है और मंत्री क्यों घूम रहे हैं।
बता दें कि लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्र ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी थी। ये किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) का विरोध कर रहे थे। इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) पहुंचे थे। इसकी जानकारी जैसे ही कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों को हुई तो वे हेलिपैड पहुंच गए।
किसानों (Farmers) ने रविवार, 2 अक्टूबर को सुबह आठ बजे ही हेलिपैड पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद करीब दोपहर 2.45 बजे सड़क के रास्ते मिश्र और मौर्य का काफिला तिकोनिया चौराहे से गुजरा तो किसान काले झंडे लेकर दौड़ पड़े। इसी दौरा भारी बवाल हो गया और इन सबके बीच हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई।