मोदी सरकार ने पहली बार स्पेशल पावर यूज कर 2 न्यूज वेबसाइट और 20 यूट्यूब चैनल को किया ' बैन '

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जांच में सामने आया है कि कुछ वीडियो, अनुच्छेद 370, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्मीर की ओर बढ़ते तालिबान लड़ाकों को लेकर थे। इन वीडियोज को 30 लाख बार देखा गया था।

Update: 2021-12-21 05:01 GMT

मोदी सरकार ने पहली बार स्पेशल पावर यूज कर 2 न्यूज वेबसाइट और 20 यूट्यूब चैनल को बैन किया।

नई दिल्‍ली। मोदी सरकार ( Modi Government ) ने भारत विरोधी प्रोपोगैंडा फैलाने वाले 20 यूट्यूब चैनलों और दो न्यूज वेबसाइटों (  YouTube Channels and  News Websites ) पर बैन लगा दिया है। यूट्यूब चैनलों और वेबसाइटों पर बैन लगाने के लिए पहली बार आईटी ऐक्ट ( IT Act ) में हाल ही में शामिल की गई गाइडलाइंस के आधार पर लगाया गया है। इन चैनलों और वेबसाइटों के खिलाफ कथित तौर पर पाकिस्तान से संचालित होने और भारत विरोधी प्रोपोगैंडा ( anti india propaganda ) फैलाने का आरोप लगा है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इसके लिए यूट्यूब को लिखित रूप में आदेश जारी किया है।

भारत विरोधी दुष्प्रचार के पीछे ISI का हाथ

नकारी के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सेक्रेटरी अपूर्व चंद्रा ने यूट्यूब और टेलिकॉम विभाग को लिखा कि इस कॉन्टेंट को तत्काल प्रभाव से ब्लॉक किया जाए, क्योंकि ये भारत की संप्रभुता और अखंडता को प्रभावित करता है। पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस ( ISI ) की मदद से यह प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा था। इनमें 'नया पाकिस्तान' नाम का एक यूट्यूब चैनल था, जिसके YouTube पर दो मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर था। ये चैनल कश्मीर, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध और अयोध्या जैसे मुद्दों पर 'झूठी खबरें' चला रहा था।

केंद्र सरकार ने यूट्यूब चैनलों और न्यूज वेबसाइटों पर बैन लगाकर इंटरनेट मीडिया के जरिए भारत विरोधी एजेंडा चलाने वालों के खिलाफ सख्‍त रुख का परिचय दिया है। इंटरनेट मीडिया को लेकर एक ओर जहां मल्‍टीनेशनल कंपनियां सख्‍त नियम बना रही हैं वहीं कुछ लोग इसका गलत इस्‍तेमाल करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सरकार के पास ऐसी जानकारी है, जिससे पता चलता है कि पाकिस्‍तान में बैठे कुछ शातिर यूट्यूब के जरिए भारत विरोधी और झूठी खबरें ( Fake News ) फैलाने का काम कर रहे हैं। नया पाकिस्‍तान ग्रुप जिसके 15 यूट्यूब चैनल हैं।

ये सभी चैनल खबरों की आड़ में दुनिया के सामने भारत की छवि खराब करने और झूठ परोसने का काम कर रहे हैं। इस झूठ को सच की तरह दिखाने के लिए कुछ चैनल ने पाकिस्‍तानी एंकर को भी अपनी टीम का हिस्‍सा बना लिया है। ये सभी पाकिस्‍तानी एंकर वहां के कई बड़े न्‍यूज चैनल में काम करते हैं। इन एंकर का मकसद झूठ को सच साबित कर दुनिया के सामने पेश करना है।

ताजा अपडेट के मुताबिक इन चैनल पर प्रसारित वीडियो और फोटोग्राफिक सामग्री में जिस तरह के दावे शामिल हैं, उनमें पीएम मोदी इंपोज इमरजेंसी, अनुच्छेद 370 फिर से बहाल, तालिबान सेना और भारत के रिश्‍ते जैसे कई झूठे दावे किए गए हैं। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार यह कदम पूरी पड़ताल और ठोस सबूत जुटाने के बाद उठाया है।

Kisan Andolan के दौरान चलाए थे फेक वीडियो

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जांच में सामने आया है कि कुछ वीडियो, अनुच्छेद 370, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्मीर की ओर बढ़ते तालिबान लड़ाकों को लेकर थे। इन वीडियोज को 30 लाख बार देखा गया था। इन यूट्यूब चैनलों कुल करीब 3.5 मिलियन सब्सक्राइबर थे। इनके कॉन्टेंट को भारत में 500 मिलियन से भी ज्यादा बार देखा जा चुका था। जांच में यह भी सामने आया है कि इन चैनलों ने किसानों के प्रोटेस्ट को लेकर फर्जी वीडियो चलाए थे। इन चैनलों और वेबसाइटों को बैन और ब्लॉक करने का फैसला 48 घंटे में इंटर डिपार्टमेंटल कमिटी (आईडीसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके बाद आईटी नियम, 2021 के तहत एक समिति द्वारा इसकी पुष्टि की जाएगी।

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