PM ने जितना वक्त मोरों को दिया, उतना मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को न दिया, फोर्ड मोटर्स के भारत में बंद होने पर कांग्रेस नेता का तंज
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने कहा कि असल दिक्कत यह रही कि पीएम मोरों के साथ फोटों खिंचाने में व्यस्त रहे, उन्होंने जितना वक्त मोरों को दिया अगर उतना मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को दिया होता, तब तस्वीर कुछ और होती..
जनज्वार। अमेरिकी मोटर निर्माण कंपनी फोर्ड (American car manufacturing company Ford) ने भारत में अपना प्लांट बंद करने की घोषणा की है। कंपनी की इस घोषणा से वहां काम कर रहे कर्मचारियों (workers and employees) और कंपनी से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के रोजगार पर संकट आ गया है। कहा जा रहा है कि लगभग ढाई लाख लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं।
इसे लेकर एक टीवी डिबेट (TV debate) में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज करते हुए मोर को दाना खिलाने वाली बात याद की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि असल दिक्कत यह रही कि पीएम मोरों के साथ फोटों खिंचाने (photo session with peacock) में व्यस्त रहे। उन्होंने जितना वक्त मोरों को दिया अगर उतना मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (उत्पादन क्षेत्र) को दिया होता, तब तस्वीर कुछ और होती।
ये बातें उन्होंने शुक्रवार को हिंदी न्यूज चैनल 'न्यूज 24' पर ऐंकर संदीप चौधरी के साथ एक टीवी डिबेट के दौरान कहीं। वल्लभ ने कहा, "ढाई लाख लोगों के ऊपर रोटी-पानी और रहने का संकट आ चुका है। हमारे मित्र कह रहे हैं कि फोर्ड मोटर्स कंपनी खराब है। ऐसा क्यों हुआ? उन्होंने आंकड़ा दिया ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ease of doing business)। अरे, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अच्छा होता, तो ये कंपनियां क्यों जातीं? एक के बाद एक…।"
गौरव बल्लभ यहीं नहीं रुके, बल्कि इतना कहकर उन्होंने आगे तंज कसा, "दिक्कत क्या है न कि जितना समय प्रधानमंत्री ने मोरों को दिया, उतना मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (manufacturing sector) को नहीं दिया। जितना वक्त उन्होंने मोरों के साथ फोटो खिंचाने में लगाया, अगर उत्पादन क्षेत्र की तकलीफें जान लेते तो ये कंपनियां एक के बाद एक देश के बाहर नहीं जातीं। नतीजतन क्वार्टर वन की जीडीपी है, जो कि बत्तीस दशमलव तीन लाख करोड़ है, वह चार साल पुराने स्तर (on old level in four years) पर जा पहुंची है।"
अमेरिका की प्रमुख वाहन विनिर्माता कंपनी फोर्ड द्वारा भारत में कारों का उत्पादन (car production in India) बंद करने की घोषणा की गई है। फोर्ड ने अपने चेन्नई (तमिलनाडु) और साणंद (गुजरात) संयंत्रों में लगभग 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया है, इन संयंत्रों से उत्पादित इकोस्पोर्ट, फिगो और एस्पायर जैसे वाहनों की बिक्री अब बंद हो जायेगी।
बता दें कि जनरल मोटर्स (General Motors) के बाद भारत में प्लांट बंद करने वाली फोर्ड दूसरी अमेरिकी वाहन कंपनी है। साल 2017 में जनरल मोटर्स ने कहा था कि वह भारत में वाहनों की बिक्री बंद कर देगी क्योंकि दो दशकों से अधिक समय तक संघर्ष करने के बाद भी उसके कारोबार में बदलाव (difference in business) नहीं आया है।