सेंचुरी मिल के 800 से ज्यादा कर्मचारियों ने ठुकराया VRS का प्रस्ताव, पैसों को हाथ न लगाने का दोहराया संकल्प
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मध्य प्रदेश में लंबे समय से जारी है सेंचुरी मिल के कर्मचारियों का आंदोलन
जनज्वार। मुंबई आगरा रोड पर ग्राम सत्राटी स्थित कुमार मंगलम बिरला समूह की कंपनी सेंचुरी (यार्न व डेनिम) टेक्सटाईल मिल्स के श्रमिक कर्मचारियों का पिछले साढ़े 3 साल से ज्यादा समय से चल रहा आंदोलन लगातार जारी है। सेंचुरी प्रबंधन अपनी मनमानी पर अड़ा हुआ है और उसने कल 15 जुलाई को आंदोलन को अनदेखा करते हुए एक और अवैधानिक काम किया तथा वीआरएस को अनिवार्य सेवानिवृत्ति में बदलते हुए अधिकांश मजदूरों कर्मचारियों के खाते में ग्रेच्युटी और वीआरएस की आंशिक राशि डाल दी, जिसका मजदूरों ने तीव्र विरोध किया और उस राशि को हाथ न लगाने का संकल्प व्यक्त किया।
सेंचुरी मिल के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों और एनबीए की नेता मेधा पाटकर का अनशन लगातार जारी है। इसका समर्थन करने के लिए इंदौर से समाजवादी नेता रामस्वरूप मंत्री, आजादी बचाओ आंदोलन के नेता जयप्रकाश गुुुुगरी, किसान संघर्ष समिति के सचिव और सोशलिस्ट पार्टी इंडिया की मध्यप्रदेश इकाई के महासचिव दिनेश सिंह कुशवाह, अंबेडकर जन्मभूमि संस्थान के मोहन राव वाकोडे अपने साथियों के साथ सेंचुरी आंदोलन स्थल पर पहुंचे और आंदोलन का पूर्ण रूप से समर्थन किया।
आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि यह लड़ाई अंतिम चरण में है और मिल प्रबंधन वादाखिलाफी करते हुए मजदूरों को मिल न सौंपकर पूंजीपतियों को बेचना चाहती है तथा मजदूरों के खातों में अवैधानिक तरीके से पैसा ट्रांसफर कर अंतिम हथियार का इस्तेमाल करती कर रही है जो मजदूरों की इस लड़ाई को कमजोर करने की एक साजिश है।
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन मजदूरों का संकल्प प्रबंधन के संकल्प से ज्यादा मजबूत है इसलिए अंततः जीत मजदूरों की ही होगी। मध्यप्रदेश के 75 से ज्यादा संगठनों के नेता और देशभर के जन संगठनों का साथ सेंचुरी के इस आंदोलन को है। इसलिए हम कानून से भी जीतेंगे और सड़क की लड़ाई से भी।
सभा को जयप्रकाश गुगरी, मोहन राव वाकोडे सहित कई लोगों ने संबोधित किया। इन नेताओं ने सेंचुरी के मजदूर कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि आपके इस आंदोलन में पूरा देश और किसान साथ में हैं और अंततः जीत आपकी ही होगी।
श्रमिक जनता संघ के सदस्य रहे श्रमिक अपनी एकजुटता बरकरार रखे हुए हैं। सेंचुरी के श्रमिकों में से मात्र कुछ प्रतिशत श्रमिकों ने मैनेजमेंट ने धमकी की वजह से नोटिस के द्वारा ऑफर किया गया वीआरएस स्वीकारने की खबर है।
सेंचुरी के कर्मचारियों में से करीबन 30 कर्मचारी, जो विविध विभागों में सुपरवायझरी स्तर पर कार्यरत रहे, उन्होंने 'रोजगार' के ही हक में वीआरएस (VRS) नगद राशि लेकर, किसी दबाव में न आते हुए संघर्ष में शामिल रहे हैं।
मध्यप्रदेश के 70 जन संगठनों ने सेंचुरी सत्याग्रह को समर्थन दिया ही है। संगठनों और मजदूर संगठनों के साथी हर दिन सेंचुरी सत्याग्रह स्थल पर पहुंच रहे हैं। जय आदिवासी संगठन, समाजवादी समागम , किसान संघर्ष समिति, आजादी बचाओ आंदोलन , बाबा साहब अंबेडकर जन्मभूमि संस्थान, भीम आर्मी सहित विभिन्न संगठनों के नेता और कार्यकर्ता साथी पीथमपुर से सैकड़ों मजदूर भी आंदोलन का समर्थन करने सत्याग्रह स्थल पर अब तक पहुंच चुके हैं। इन सभी संगठनों के नेताओं में कहा कि रोजगार को कुचलने की साजिश चलायी तो हम मध्य-रात्रि को भी आपके साथ पूरी ताकत के साथ खड़े होंगे।