भगवान केदार के दरबार में इमोशनल हुए पीएम मोदी, जानें कब-कब हुए भावुक
ऐसा पहली बार नहीं है जब पीएम भावुक हुए हैं। इससे पहले भी वो कई मौकों पर इमोशनल हो चुके हैं। राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद की विदाई समारोह में तो वो फफककर रो पड़े थे।
नई दिल्ली। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) पांचवीं बार भगवान केदारनाथ ( Lord Kedarnath ) के दरबार में पहुंचे। रूद्राभिषेक के बाद उन्होंने एक जनसभा में कहा कि बरसों पहले जो नुकसान हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदारधाम फिर से उठ खड़ा होगा? मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। भाषण देते हुए आज फिर पीए मोदी भावुक ( Emotional Moment ) हो गए। जानिए पीएम कब-कब हुए भावुक।
संसद का सेंट्रल हॉल
2014 में बीजेपी के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद संसद के सेंट्रल हॉल में स्पीच देते वक्त बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के बयान ( नरेंद्र भाई ने कृपा की ) का जिक्र करते हुए मोदी की आंखों से आंसू छलक पड़े थे। उन्होंने रूंधे गले से कहा था कि वह ( आडवाणी ) कृपा शब्द का प्रयोग न करें। मां की सेवा कभी कृपा नहीं होती, मेरे लिए बीजेपी मां के समान है और मैं उसकी सेवा करना चाहता हूं।
नोटबंदी
8 नवंबर को विमुद्रीकरण के फैसले के बाद पहली बार 13 नवंबर को गोवा में लोगों को संबोधित करते वक्त मोदी भावुक हो गए थे। तब उन्होंने कहा था, मैंने... घर-परिवार... सब देश के लिए छोड़ दिया..., यह बोलते वक्त मोदी को बहुत मुश्किल से अपने आंसू पीने पड़े थे। इसी मुद्दे पर विपक्ष के हमले का जवाब देने के लिए बुलाई गई बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर भावुक हो गए थे।
बाबासाहेब भीमराव आम्बेडर यूनिवर्सिटी
बाबासाहेब भीमराव आम्बेडर यूनिवर्सिटी (BBAU) के दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र रोहित वेमुला की मौत का जिक्र करते वक्त भी पीएम काफी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि एक मां ने अपना बेटा खोया है, इसका दर्द वह महसूस कर सकते हैं।
फेसबुक हेडक्वॉर्टर
फेसबुक हेडक्वॉर्टर में मार्क जुकरबर्ग की ओर से अपनी मां पर एक सवाल का जवाब देते वक्त पीएम मोदी की आंखें भर आई। अपनी मां के संघर्ष के बारे में बताते-बताते मोदी काफी भावुक हो गए थे।
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गुजरात विधानसभा फेयरवेल स्पीच
पीएम बनने से पहले नरेंद्र मोदी के लिए गुजरात विधानसभा में विशेष सत्र का आयोजन किया गया था। इसमें मोदी ने फेयरवेल स्पीच में विपक्ष की तारीफ की थी। जब विपक्ष के नेता उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दे रहे थे, तब मोदी भावुक हो गए थे।
बेलूर मठ
पीएम नरेंद्र मोदी पिछले साल बंगाल विजिट के दौरान पहली बार बेलूर मठ का दौरा किया था। मठ में जब खासतौर पर उनके लिए स्वामी विवेकानंद का कमरा खोला गया तो मोदी काफी भावुक हो गए। मोदी जब अपनी युवावस्था में साधु बनना चाहते थे तब इसी मठ ने 3 बार उनकी अपील को नामंजूर कर दिया था।
संविधान पर चर्चा
2020 में में संसद में पीएम संविधान चर्चा के दौरान भावुक हुए थे। बाबा आम्बेडकर का जिक्र करते वक्त मोदी की आंखें भर आई थीं।
विदाई समारोह
पीएम मोदी ने राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद की विदाई समारोह में उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि मैं अपने अनुभवों और स्थितियों के आधार पर गुलाम नबी आजाद जी का सम्मान करता हूंं मुझे यकीन है कि उनकी दया, शांति और राष्ट्र के लिए काम करने का उनका अभियान हमेशा चलता रहेगा। वह हमेशा जो कुछ भी करते हैं, उनके मूल्यों में वह जुड़ जाता है। मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।